दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस की जांच 12 दिन बाद तेज हो गई है। बुधवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम जस्टिस वर्मा के घर पहुंची और उस स्टोर रूम को सील कर दिया, जहां से नोटों से भरे बोरे मिलने की बात सामने आई थी।
आग लगने से खुला मामला
यह मामला 14 मार्च (होली की रात) को सामने आया, जब जस्टिस वर्मा के घर के एक हिस्से में रात 11:15 बजे आग लग गई। फायर कंट्रोल रूम को सूचना दी गई, जिसके बाद दमकल की टीम मौके पर पहुंची। वहां स्टोर रूम में नकदी से भरे बोरे मिले, जिनमें से कुछ अधजले थे।
पुलिस जांच में नया मोड़
पुलिस ने बुधवार को:
स्टोर रूम को सील किया
घटनास्थल की वीडियोग्राफी करवाई
आग लगने वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ली
जस्टिस वर्मा ने दावा किया कि स्टोर रूम उनके घर के मुख्य परिसर का हिस्सा नहीं है और वहां मिली नकदी से उनका कोई संबंध नहीं है। इस दावे की पुष्टि के लिए सीसीटीवी फुटेज अहम साक्ष्य मानी जा रही है।
सीसीटीवी फुटेज से क्या मिला?
सूत्रों के मुताबिक, अब तक की जांच में किसी संदिग्ध की एंट्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। हालांकि, कैमरे मुख्य द्वार पर केंद्रित नहीं थे, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो सका कि कौन आया और गया।
पुलिस और सुप्रीम कोर्ट की जांच जारी
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सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित जांच आयोग ने भी पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।
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पुलिस ने 40 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की, जिसकी जांच अतिरिक्त पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है।
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बुधवार को डीसीपी देवेश महला और एसीपी वीरेंद्र जैन ने मौके पर पहुंचकर करीब दो घंटे तक पड़ताल की।
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जांच टीम ने जाते वक्त स्टोर रूम को सील कर दिया।
इस मामले में पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की अलग-अलग जांच जारी है। अब सभी की नजरें सीसीटीवी फुटेज और पुलिस की आगामी रिपोर्ट पर टिकी हैं।