सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
- यह पद रिटायर्ड जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा के जून 2023 में कार्यकाल समाप्त होने के बाद से खाली था।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत उनकी नियुक्ति की।
कौन हैं जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम?
जन्म: 30 जून 1958
शिक्षा:
- स्कूली शिक्षा: गृह जिले में पूरी की।
- ग्रेजुएशन: रामकृष्ण मिशन विवेकानंद कॉलेज, चेन्नई।
- लॉ डिग्री: मद्रास लॉ कॉलेज।
करियर की शुरुआत और महत्वपूर्ण मुकाम
- वकालत की शुरुआत (1983):
- मद्रास हाईकोर्ट में करीब दो दशक तक वकालत की।
- जज के रूप में नियुक्ति:
- 2006: मद्रास हाईकोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त हुए।
- 2009: उन्हें स्थायी जज बनाया गया।
- हाईकोर्ट ट्रांसफर:
- मद्रास हाईकोर्ट में वर्षों तक सेवा देने के बाद, उनका ट्रांसफर हैदराबाद हाईकोर्ट में हुआ।
- यहां उन्होंने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मामलों की सुनवाई की।
- हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस (2019):
- 2019 में उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
- कुछ महीनों बाद उनका प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट में हो गया।
सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल
- सुप्रीम कोर्ट के जज (2019-2023):
- जस्टिस रामासुब्रमण्यम ने सुप्रीम कोर्ट में चार साल तक सेवा दी।
- 29 जून 2023: सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए।
NHRC के अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी
जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम के कार्यकाल में:
- मानवाधिकार संरक्षण को बढ़ावा देने और न्याय सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाएगा।
- उनका व्यापक अनुभव मानवाधिकारों से जुड़े मामलों में आयोग की भूमिका को और मजबूत करेगा।