रांची, 22 जून (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट में मैनहर्ट घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में दर्ज पीई (प्रारंभिक जांच) की रिपोर्ट अब तक नहीं आने एवं मामले में एफआईआर दर्ज नहीं होने को लेकर दायर विधायक सरयू राय की याचिका की सुनवाई शनिवार को हुई। मामले में कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अधिवक्ता से पूछा कि जब आपको यह पता था कि मैनहर्ट को रांची में सीवरेज ड्रेनेज के डीपीआर काम दिए जाने में वित्तीय गड़बड़ी हुई है, तो फिर आपने थाने में प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज कराया? आप सिविल कोर्ट में शिकायतवाद भी दर्ज करा सकते थे लेकिन आपने विजिलेंस ब्यूरो में शिकायत कर मामले को छोड़ दिया।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट के आदेश के आलोक में एसीबी के एसपी सशरीर उपस्थित हुए थे। उनकी ओर से पीई की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की गई थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि दिसंबर 2020 में इस मामले को लेकर एसीबी ने पीई दर्ज की थी लेकिन मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।
सरयू राय ने मैनहर्ट को रांची में सीवरेज ड्रेनेज के डीपीआर का कार्य दिए जाने में 21 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। इस मामले को उन्होंने झारखंड विधानसभा में उठाया था, जिसके बाद राज्य सरकार के निर्देश के बाद दिसंबर 2020 में एसीबी में पीई दर्ज की गई थी लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं होने पर सरयू राय ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।