मौत का सफर: 300 लोगों को लेकर जा रही नाव हिंद महासागर में पलटी, दर्जनों लापता, बस 10 की बची जान

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बेहतर जिंदगी की तलाश में म्यांमार से निकले करीब 300 लोगों का सफर मौत के सफर में बदल गया। थाईलैंड और मलेशिया की सीमा के पास हिंद महासागर में प्रवासियों से खचाखच भरी एक नाव पिछले हफ्ते पलट गई, जिससे एक बड़ी त्रासदी घटित हो गई। दर्जनों लोग अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है।

मलेशियाई अधिकारियों ने रविवार को इस दर्दनाक घटना की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक एक महिला का शव बरामद किया गया है, जो म्यांमार की रहने वाली थी। इसके अलावा, 10 लोगों को जीवित बचाने में सफलता मिली है।

नाव पर कौन थे सवार?

मलेशिया की समुद्री प्रवर्तन एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी रोमली मुस्तफा के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि यह नाव म्यांमार के रखाइन प्रांत के बुथिदाउंग शहर से निकली थी। इस पर सवार लोगों में म्यांमार के सताए हुए रोहिंग्या मुसलमानों के साथ-साथ कुछ अन्य प्रवासी और बांग्लादेश का एक नागरिक भी शामिल था।

नाव लगभग तीन दिन पहले समुद्र में डूब गई थी। अधिकारी ने आशंका जताई है कि "जैसे-जैसे तलाशी अभियान आगे बढ़ेगा, और भी पीड़ितों के मिलने की संभावना है।"

मानव तस्करों का जाल और असुरक्षित सफर

एक स्थानीय पुलिस प्रमुख ने बताया कि नाव संभवतः थाईलैंड के समुद्री क्षेत्र में पलटी थी, जिसके बाद बचे हुए लोग किसी तरह बहकर मलेशियाई क्षेत्र में पहुंच गए। उन्होंने इस घटना के लिए मानव तस्करी करने वाले नेटवर्कों को जिम्मेदार ठहराया, जो इन मजबूर लोगों की जान जोखिम में डालकर उन्हें असुरक्षित समुद्री रास्तों से ले जाते हैं।

यह घटना एक बार फिर उस हताशा को उजागर करती है जिसके कारण रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार में बरसों से हो रहे उत्पीड़न से बचने के लिए अपनी जान दांव पर लगाने को मजबूर हैं।

मलेशिया का रुख और शरणार्थियों की स्थिति

मलेशिया ने अतीत में मानवीय आधार पर रोहिंग्या शरणार्थियों को स्वीकार तो किया है, लेकिन समुद्र के रास्ते लगातार बड़ी संख्या में लोगों के आने की आशंका के कारण वह अब उनकी संख्या को सीमित करने की कोशिश कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के अनुसार, मलेशिया में लगभग 1,17,670 रोहिंग्या पंजीकृत हैं, जो देश की कुल शरणार्थी आबादी का लगभग 59% है। इसी साल जनवरी में, मलेशियाई अधिकारियों ने लगभग 300 लोगों को ले जा रही दो नौकाओं को वापस लौटा दिया था, जो अवैध रूप से देश में घुसने का प्रयास कर रहे थे।

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