छंटनी: पिछले कुछ महीनों से अलग-अलग कंपनियों में छंटनी का दौर चल रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि बेंगलुरु की एक स्टार्टअप कंपनी रेशामंडी ने अपने करीब 80 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। हालांकि यह छंटनी काफी पहले हो चुकी है, लेकिन इसकी खबर अब सामने आई है। जनवरी 2023 में कंपनी में करीब 500 कर्मचारी काम करते थे, लेकिन 2024 के अंत तक कंपनी ने करीब 400 लोगों की छंटनी कर दी।
छंटनी क्यों करनी पड़ी?
इस छंटनी की सबसे बड़ी वजह फंडिंग की कमी बताई जा रही है। कंपनी काफी समय से सीरीज बी राउंड की फंडिंग जुटाना चाहती थी, जिसके लिए कई प्रयास भी किए जा रहे थे। जब कंपनी को फंडिंग नहीं मिली तो इसका सीधा असर कर्मचारियों पर देखने को मिला। कुछ रिपोर्ट्स में तो यहां तक कहा गया है कि कंपनी ने निकाले गए कई कर्मचारियों की अंतिम सैलरी का भुगतान अभी तक नहीं किया है।
कंपनी ने अब तक कितनी धनराशि जुटाई है?
कंपनी ने अब तक करीब 40 मिलियन डॉलर की इक्विटी फंडिंग जुटाई है। कंपनी को यह फंडिंग क्रिएशन इन्वेस्टमेंट, ओमनीवोर, वेंचर कैटालिस्ट्स और कुछ अन्य निवेशकों से मिली है। इक्विटी फंडिंग के अलावा कंपनी ने कुछ निवेशकों और बैंकों से करीब 300 करोड़ रुपये का लोन भी जुटाया है। जब कंपनी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा तो जून 2023 में कंपनी ने अपने कर्मचारियों को बिना सैलरी के काम करने को कहा और करीब 3 महीने बाद बड़ी छंटनी की गई।
यह स्टार्टअप क्या करता है?
रेशममंडी स्टार्टअप की शुरुआत 2020 में मयंक तिवारी, सौरभ अग्रवाल और उत्कर्ष अपूर्व ने की थी। उत्कर्ष ने 2022 में ही कंपनी छोड़ दी। यह एक B2B फाइबर, सिल्क और यार्न मार्केटप्लेस है। अब बताया जा रहा है कि कंपनी के संस्थापक अलग कंपनी शुरू कर रहे हैं। दूसरी तरफ रेशममंडी के निवेशकों का पैसा डूबता दिख रहा है और कंपनी के कर्मचारी भी खाली हाथ हैं।