जींद, 16 जून (हि.स.)। सफीदों उपमंडल के गांव बहादुरगढ़ की रेलवे फाटक के पास रविवार सुबह ग्रामीणों ने गांव में से होकर गुजर रहे ओवरलोड मिट्टी के डंफरो को अवरोधक डाल कर रोक लिया। ग्रामीणों ने ओवरलोड़ डंफरों के द्वारा गांव की गलियों व लिंक सड़कों को बुरी तरह से तोडऩे तथा अवैध खनन के आरोप लगाए। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर डायल 112 को दी गई। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया।
ग्रामीणों का कहना था कि उनके गांव के खेतों से पिछले काफी समय से अवैध खनन का कार्य चल रहा है। इस कार्य के लिए बड़े-बड़े डंफरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये डंफर ओवरलोड होकर चलते हैं और इनके ऊपर कोई तिरपाल वगैरह भी ढका हुआ नहीं होता। जिसके कारण पूरे गांव में चारो ओर मिट्टी फैल गई है और धूल के गुबार उड़ रहे हैं। ओवरलोड़ डंफरों के कारण गांव की तमाम गलियां क्षतिग्रस्त हो गई है। गांव में अनेक स्थानों पर पानी सप्लाई की लाईनें टूट गईं है और घरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं। इसके अलावा हाल ही में नई बनी मलार-बहादुरगढ़ तथा सिल्लाखेड़ी-रोझला सड़कों को भी इन ओवरलोड़ डंफरों ने तोड़ दिया है।
ग्रामीणों का कहना था कि खेतों से दो से तीन फूट मिट्टी उठाने की इजाजत है लेकिन सभी नियमों को ताक पर रखकर पांच से छह मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है। जब वे इन डंफर चालकों को आराम से चलाने व मिट्टी के ऊपर तिरपाल वगैरह लगाने की बात कहते हैं तो वे उन्हे भद्दी-भद्दी गालियां देते हैं। इन डंफरों के कारण उनका व उनके परिवारों विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों का जीना दूभर हो गया है। गांव की इस समस्या की ओर शासन व प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। ग्रामीणों ने साफ किया कि वे अब उनके जीवन को संकट में झोंकने वाले इन ओवरलोड़ डंफरों को गांव में नहीं चलने देंगे। अगर खेतों से मिट्टी उठाई भी जानी है तो उन्हे हल्के वाहनों के द्वारा उठाया जाए। अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो गांव की बची गलियां व सड़के पूरी तरह से तहस-नहस हो जाएंगी। ग्रामीणों ने इस मामले में प्रशासन से दखल देने की गुहार लगाई।