जींद : डीएपी खाद के लिए हुआ बवाल, किसान परेशान, लग रही लंबी लाइन

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जींद, 24 अक्टूबर (हि.स.)। जिले के सफीदों क्षेत्र में डीएपी खाद के लिए किसानाें में अफरा-तफरी मची हुई है। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि अहोई अष्टमी का व्रती महिलाओं को पूजा-अर्चना छोड़कर खाद के लिए लाइन में लगना पड़ गया है। डीएपी खाद की किल्लत से परेशान किसानों में भारी रोष देखने को मिला। गुरुवार सुबह किसानों को सूचना मिली कि पुरानी अनाज मंडी स्थित दी सफीदों सहकारी विपणन प्रसाधन समिति में खाद आने वाला है तो किसान अल सुबह में पुरानी अनाज मंडी में पहुंच गए। उसके बाद कैथल से दो ट्रक खाद पुरानी अनाज मंडी में पहुंचा तो काफी तादाद में किसान इकट्ठा हो गए।

किसान इतनी ज्यादा तादाद में पहुंच गए कि खाद वितरण के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला और किसानों की लाईन लगवाई। इसके अलावा महिलाओं की लाईन अलग से लगवाई गई। यह व्यवस्था बनाई गई कि एक पुरूष व एक महिला को 4-4 बैग यूरिया के दिए जाएंगे। उसके बाद किसान को 4 कट्टों के साथ एक नैनो डीएपी खाद की बोतल भी दी जाने लगी। उसके उपरांत खाद दोपहर तक खत्म गया हो गया और काफी किसानों को निराश होकर लौटना पड़ा। किसानों का कहना था कि एक किसान लोगों का पेट भरता है लेकिन आज हालात यह है कि उसे मात्र खाद लेने के लिए मुंह अंधेरे भूखे-प्यासे लाईनों में लगना पड़ रहा है। किसानों का कहना था कि खाद वितरण में भारी धांधली चली हुई है।

उन्हे खाद के 4 कट्टों के साथ एक बोतल दवाई की जबरदस्ती थोपी जा रही है और यह दवाई उनके किसी काम की नहीं है और काफी महंगी भी है। किसानों का कहना था कि एक साजिश के तहत डीएपी खाद को सफीदों में वितरण करवाया जाता है। अगर इस खाद को गांवों में बनी सोसाईटियों में भेजकर वितरण करवा दिया जाए तो किसानों को मुश्किलों से दो चार नहीं होना पड़ेगा। सफीदों में हालात ये हैं कि जितने बैग खाद के आते हैं उनमें से आधे किसानों को और आधे अपने चेहते डीलरों को दे दिया जाता है। सफीदों में खाद वितरण में भारी धांधली चल रही है जिसकी जांच तत्काल आवश्यक है। वे इस मसले में कृषि अधिकारी से मिले थे लेकिन उन्होंने किसानों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। अभी कुछ दिन पूर्व भी मंडी में 2000 बैग डीएपी के आए थे लेकिन उसकी भनक किसानों तक लगने नहीं दी गई। किसानों का कहना है कि उन्हे हर छमाही में खाद की समस्या से दो चार होना पड़ता है लेकिन समस्या को कोई समाधान नहीं है और समस्या को कोई हल निकलता दिखाई भी नहीं पड़ता।

किसान के भाग्य में तो लाईन में ही लगना लिखा हुआ है। डीएपी खाद के बिना वे अपनी गेंहू की फसल की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं और उनकी बिजाई लेट होती जा रही है। इस मौके पर मौजूद सेल्समैन कृष्ण ने बताया कि उनके पास आज 1300 बैग डीएपी आया था। उसे प्रति किसान 4-4 बैग के हिसाब से वितरित किया गया है। सोसाइटी के पास जितना भी खाद आता है उसे किसानों में वितरित कर दिया जाता है। किसानों को जो शीशी दी जा रही है वह तरल पदार्थ में नैनो डीएपी है और यह तरल पदार्थ भी शुष्क डीएपी की तरह से काम करता है। विभाग को अतिरिक्त खाद की डिमांड भेजी हुई है। बहुत जल्द इफको कंपनी के खाद का रैक सफीदों रेलवे में आने वाला है, उसके बाद खाद की कोई दिक्कत नहीं रहेगी। इफको का खाद आने के बाद उसे गांवों की सोसाइटियों में भी भेजा जाएगा।