मीठी क्रांति का हब बनेगा झारखंड : अर्जुन मुंडा

रांची, 14 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने गुरुवार को रांची में देश की पांचवीं एवं पूर्वी क्षेत्र की पहली अत्याधुनिक वृहद शहद परीक्षण प्रयोगशाला तथा एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र, बांस संवर्धन परियोजना एवं अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास किया।

मौके पर अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस क्षेत्र से कभी शहद का निर्यात नहीं हुआ जबकि शहद उत्पादन के लिए यह एक बड़ा क्षेत्र है। क्षेत्र में शहद उत्पादन की काफी संभावना है, जिसका उपयोग किसानों की आय बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए। क्षेत्र की लगभग 30 प्रतिशत भूमि जंगल से ढंकी हुई है, जिसमें प्रचुर मात्रा में फसलें, फल, सब्जियां और जंगली पेड़ हैं, जो शहद उत्पादन के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधन हैं।

देश में शहद का उत्पादन बढ़ रहा है और इसका निर्यात भी बढ़ रहा है। शहद परीक्षण प्रयोगशालाएं उत्पादित शहद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद करेगी। मधुमक्खी बॉक्स निर्माण इकाइयां शहद उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगी। व्यापार, ब्रांडिंग और विपणन इकाइयां घरेलू व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहद की बिक्री को बढ़ावा देने में मदद करेगी। साथ ही मधुमक्खी पालकों और किसानों को भी लाभान्वित करेगी और झारखंड मीठी क्रांति का हब बनेगा।

मुंडा ने कहा कि 1940 से 1960 के बीच देश में जो खाद्यान्न की कमी हुई। इसके बाद हरित क्रांति आई और फिर देश में खाद्य उत्पादन बढ़ा। उत्पादन तो बढ़ा लेकिन मिट्टी क्षरण भी हुआ। वर्ष 2013 के बाद हम कई मामलों में सतर्क हुए हैं, जिनमें मृदा स्वास्थ्य- पर्यावरण भी है। मनुष्य को प्रकृति के साथ संबंध बनाते हुए मिट्टी को नुकसान पहुंचाए बिना आगे बढ़ना है। क्षेत्र में बांस मिशन परियोजना भी शुरू हो रही है।

मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों तथा किसानों को केंद्र सरकार ने हमेशा प्राथमिकता पर रखा है। भारत किसानों का देश है, यह समझते हुए केंद्र सरकार गारंटी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश हर मामले में आदर्श बने, सबके प्रयत्नों से भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बने, इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान व मधुमक्खीपालक शामिल हुए। राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन व शहद मिशन एवं कृषि विज्ञान केंद्र-खूंटी, रांची, गुमला, सिमडेगा, सराईकेला, पश्चिमी सिंहभूम सहित विभिन्न संस्थान सहभागी रहे। रांची सांसद संजय सेठ, पद्मश्री अशोक भगत, बीएयू के कुलपति डॉ. एससी दुबे, निदेशक डॉ. अभिजीत कर, डॉ. सुजय रक्षित, खादी एवं ग्रामोद्योग के अधिकारी सहित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्यजन उपस्थित भी थे।