Jharkhand : SEBI से छुपाकर बेच डालीं करोड़ों की जमीनें, सहारा समूह पर फिर कसा शिकंजा

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News India Live, Digital Desk: एक बार फिर सहारा समूह विवादों के घेरे में आ गया है। इस बार उन पर आरोप है कि उन्होंने बाजार नियामक सेबी (SEBI - भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) को सूचित किए बिना, झारखंड और बिहार राज्यों में अपनी सैकड़ों एकड़ ज़मीन गुपचुप तरीके से बेच दी। यह कार्रवाई सीधे तौर पर सेबी के निर्देशों का उल्लंघन है, जिन्होंने समूह को निवेशकों का पैसा लौटाने और परिसंपत्तियों की बिक्री के बारे में नियामक को जानकारी देने के लिए अनिवार्य किया था।

यह पूरा मामला सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) से जुड़ा है। सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही सहारा को निवेशकों से इकट्ठा किए गए हजारों करोड़ रुपये से अधिक वापस करने का निर्देश दिया था। इस पैसे की वसूली सुनिश्चित करने के लिए, सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को सहारा समूह की परिसंपत्तियों की बिक्री से प्राप्त धन का उपयोग करने का भी अधिकार दिया था। इसके लिए सेबी ने यह शर्त रखी थी कि सहारा अपनी कोई भी अचल संपत्ति बिना नियामक की अनुमति और सूचना के बेच नहीं सकता।

रिपोर्टों के अनुसार, सहारा समूह ने झारखंड और बिहार में अपनी लगभग 384 एकड़ से अधिक ज़मीन सेबी को जानकारी दिए बिना बेच दी। आरोप है कि यह ज़मीन ऐसे वक्त में बेची गई जब सहारा और सेबी के बीच कानूनी लड़ाई चल रही थी। यह ज़मीन बिहार में औरंगाबाद, भोजपुर, छपरा, किशनगंज, पटना, सुपौल, नालंदा, मुज़फ्फरपुर, पूर्णिया और भागलपुर जैसे जिलों में फैली हुई है, जबकि झारखंड में यह देवघर, रांची, गिरीडीह और धनबाद में है। ये ज़मीनें छोटे भूखंडों के रूप में कई स्थानों पर थीं।

सेबी अब इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। उन्होंने पहले भी ऐसे कई अवसरों पर चिंता व्यक्त की है कि सहारा निवेशकों का पैसा चुकाने में देरी कर रहा है और संपत्ति की जानकारी में पारदर्शिता नहीं बरत रहा है। यह नया आरोप समूह के लिए और मुश्किलें पैदा कर सकता है और इससे कानूनी प्रक्रिया में और देरी होने की संभावना है। यह विवाद सहारा के उन हजारों निवेशकों के लिए भी चिंता का विषय है जिनका पैसा समूह के पास फंसा हुआ है। सेबी यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि निवेशक का पैसा किसी भी कीमत पर सुरक्षित रहे और नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो।

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