झारखंड हाई कोर्ट ने दुमका में महिला टूरिस्ट से सामूहिक दुष्कर्म मामले की सुनवाई में राज्य सरकार से गंभीर अपराधों का मांगा ब्यौरा

रांची, 2 अप्रैल (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट में दुमका में महिला टूरिस्ट से सामूहिक दुष्कर्म मामले में कोर्ट के स्वतः संज्ञान की सुनवाई मंगलवार को हुई। सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से विदेशी पर्यटकों के लिए बनाए जाने वाले स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का ड्राफ्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिस पर एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार से पिछले एक माह के भीतर राज्य में महिला हिंसा, भू -माफियाओं द्वारा जमीन कब्जा, रंगदारी आदि गंभीर अपराधों के संबंध में जानकारी मांगी है।

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई चार अप्रैल निर्धारित की है। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से विदेशी पर्यटकों के लिए बनाए जाने वाली एसओपी की ड्राफ्ट प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि विदेशी पर्यटकों एवं आम लोगों की सुरक्षा के लिए दो हेल्पलाइन नंबर 112 एवं 181 बनाये गये हैं। 112 का ऐप भी है, जिसमें तुरंत सेवा पाने के लिए एसओएस बटन भी है। विदेशी पर्यटकों के लिए हेल्पलाइन नंबर 181 गठित की गई है। एसओपी में विदेशी पर्यटकों को अज्ञात जगह पर जाने के पहले झारखंड पुलिस को सूचित करना अनिवार्य है।

विदेशी पर्यटक अगर भारत 180 दिन से ज्यादा समय के लिए आते हैं तो उन्हें एफआरआरओ में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। विदेशी पर्यटकों को झारखंड में प्रवेश करने के दौरान चेकनाका पर पुलिस को अपने संबंध में जानकारी दे दी होगी, ताकि पुलिस उन्हें कहा वे जा सकते हैं कहां नहीं, इस संबंध में मार्गदर्शन दे सकेगी।साथ ही उनके लिए उचित सुरक्षा भी मुहैया कराई जायेगी।

दुमका के हंसडीहा थाना क्षेत्र में इसी वर्ष स्पेनिश महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामले का हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है।