Jharkhand Crime : हथकड़ी पहने पहने चलती ट्रेन से कूद गया नटवरलाल, पुलिस हैरान
News India Live, Digital Desk : अक्सर हम फिल्मों में देखते हैं कि विलेन या हीरो चलती ट्रेन से कूद जाता है और पुलिस वाले बस देखते रह जाते हैं। हमें लगता है, अरे! ऐसा तो सिर्फ पर्दे पर होता है।" लेकिन झारखंड (Jharkhand) में जो हुआ है, वो किसी थ्रिलर मूवी के सीन से कम नहीं है।
एक शातिर आरोपी, जिसे धोखाधड़ी (420 Case) के मामले में पुलिस पकड़कर ले जा रही थी, उसने पुलिस को ऐसा चकमा दिया कि खाकी वर्दी वालों के पसीने छूट गए हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि उसके हाथों में हथकड़ी (Handcuffs) लगी हुई थी, फिर भी उसने अपनी जान की परवाह नहीं की और चलती ट्रेन से छलांग लगा दी।
आइए, इस दुस्साहसिक और फिल्मी घटना की पूरी कहानी जानते हैं।
क्या था पूरा मामला?
खबरों के मुताबिक, यह घटना झारखंड के रेलवे रूट पर घटी। पुलिस की एक टीम ठगी और धोखाधड़ी के एक आरोपी को दूसरे राज्य या शहर से पकड़कर ला रही थी। सब कुछ सामान्य चल रहा था। पुलिस वाले रिलैक्स थे, उन्हें लगा कि हथकड़ी लगी है और ट्रेन पूरी रफ़्तार में है, तो मुजरिम भागेगा कहां?
यही उनकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई। आरोपी बेहद शातिर था और शायद उसने मन ही मन भागने का 'मास्टरप्लान' तैयार कर लिया था।
"साहब, बाथरूम जाना है..." और फिर खेल खत्म
सफर के दौरान आरोपी ने पुलिस वालों से कहा कि उसे टॉयलेट (Washroom) जाना है। चूंकि यह एक प्राकृतिक ज़रूरत है, पुलिस वाले उसे ले गए।
जैसे ही वो बाथरूम के पास पहुंचा, उसने मौका देखा। हो सकता है कि गेट पर खड़े सिपाही का ध्यान जरा सा भटका हो, या उसने धक्का दिया हो—और देखते ही देखते उसने चलती ट्रेन से बाहर छलांग लगा दी।
जब तक पुलिस वाले कुछ समझ पाते या चेन पुलिंग (Chain Pulling) करते, तब तक 'चिड़िया' पिंजरे से उड़ चुकी थी।
पुलिस विभाग में हड़कंप
आरोपी के भागने की खबर मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। सवाल उठ रहे हैं:
- सुरक्षा में चूक: जब कैदी इतना शातिर था, तो पुलिसकर्मी इतने बेपरवाह कैसे हो गए?
- जान का जोखिम: हथकड़ी पहनकर चलती ट्रेन से कूदना मौत को दावत देने जैसा है। अब पुलिस सर्च ऑपरेशन (Search Operation) चला रही है कि आरोपी जिंदा बचा है या पटरियों के किनारे कहीं घायल पड़ा है।
अब आगे क्या?
जिस ट्रेन से वो कूदा और जिस जगह पर कूदा, वहां के स्थानीय थानों और जीआरपी (GRP) को अलर्ट कर दिया गया है। जंगलों और पटरियों के आसपास खाक छानी जा रही है। लेकिन, फिलहाल आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला है।
यह घटना हमें सिखाती है कि 'नज़र हटी, दुर्घटना घटी'। चाहे अपराधी हथकड़ी में ही क्यों न हो, उसे कभी भी हल्का नहीं आंकना चाहिए।
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