JEE, NEET फ्री कोचिंग योजना: दिल्ली सरकार की ‘मुख्यमंत्री प्रतिभावान विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में अगले सत्र से लड़कियों के लिए 100 सीटें बढ़ाई जाएंगी। शिक्षा मंत्री आतिशी ने बुधवार को यह घोषणा की ताकि लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए अधिक अवसर मिल सकें। ये अतिरिक्त सीटें होंगी। इस योजना से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों को इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए कोचिंग दी जा रही है। फिलहाल, कक्षा 9 से कक्षा 11 तक के 300 छात्रों को योजना का लाभ मिल रहा है। अगले सत्र से 400 छात्रों को यह लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री प्रतिभावान विद्यार्थी योजना क्या है?
मुख्यमंत्री प्रतिभावान विद्यार्थी कोचिंग योजना के माध्यम से सरकारी स्कूलों के छात्रों को इंजीनियरिंग- जेईई और नीट की तैयारी के लिए कोचिंग मिलती है, ताकि मेडिकल सीट मिल सके। इस योजना के तहत हर साल कक्षा 9 और 11 के 300 छात्रों का चयन शीर्ष कोचिंग संस्थानों में जेईई और नीट की मुफ्त कोचिंग के लिए किया जाता है।
शिक्षा मंत्री आतिशी ने इस योजना के माध्यम से शीर्ष कोचिंग सेंटरों में कोचिंग प्राप्त कर रहे छात्रों से बातचीत की और उनके अनुभव जाने। आतिशी ने कहा कि ‘सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। सरकार उनके सपनों के आड़े पैसे की कमी नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर या गरीब परिवार का हर बच्चा आगे बढ़े और डॉक्टर या इंजीनियर बनने का अपना सपना पूरा करे। इसीलिए इस योजना की शुरुआत की गई थी।’
इस बातचीत के दौरान छात्रों ने बताया कि इस कोचिंग की वजह से अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए महंगी कोचिंग फीस की टेंशन नहीं रहती। वे अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे पाते हैं। आतिशी ने कहा कि इस योजना में दाखिला लेने वाले बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है, अब छात्रों की बारी है। वे अपने सपने पूरे करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।
योजना का लाभ लेने वाले बच्चे क्या कहते हैं?
एसकेवी, मंडावली की 11वीं की छात्रा स्वीटी झा ने कहा, मैं एग्रीकल्चर इंजीनियर बनना चाहती हूं। इस योजना की वजह से मुझे 9वीं कक्षा से ही निशुल्क कोचिंग की सुविधा मिलनी शुरू हो गई, जिससे मुझे अपना सपना पूरा करने में मदद मिल रही है। एएसओएसई सेक्टर-11 रोहिणी की आरना जायसवाल ने कहा, कोचिंग के जरिए मुझे अपने कौशल को बढ़ाने और पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिली है। मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है, जिसकी वजह से मैं हाल ही में एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पेरिस भी गई।
एक अन्य छात्रा ने बताया, मैंने 11वीं में सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया था। उस दौरान मैं जेईई की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर में भी एडमिशन लेना चाहती थी, लेकिन फीस 3 लाख रुपये थी। मैं सीएम का धन्यवाद करना चाहती हूं, जिनकी योजना की बदौलत अब मुझे इंजीनियर बनने का सपना पूरा करने का मौका मिला है। सर्वोदय कन्या विद्यालय, ढाका की छात्रा परी राठौर ने कहा कि इस योजना ने उन बच्चों को आगे बढ़ने का मौका दिया है जो महंगी कोचिंग फीस वहन नहीं कर सकते। इस योजना ने हमें अपनी महंगी कोचिंग फीस की टेंशन से मुक्त कर दिया है। खजूरी खास के सरकारी स्कूल के छात्र आकाश यादव ने भी इस योजना का लाभ उठाकर इस साल आईआईटी दिल्ली में सीट पक्की की है।