भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भविष्य में भारत के टेस्ट कप्तान बनने की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं। हालाँकि, उनकी फिटनेस से जुड़ी चिंताओं के कारण यह जिम्मेदारी लंबे समय तक संभालना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनकी पीठ में ऐंठन की समस्या सामने आई, जिससे उनकी उपलब्धता और वर्कलोड को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में बुमराह सबसे बड़े दावेदार
बीसीसीआई की हालिया रिव्यू मीटिंग में इस बात की संभावना जताई गई कि इंग्लैंड के आगामी टेस्ट दौरे पर रोहित शर्मा कप्तान नहीं होंगे। अगर जसप्रीत बुमराह फिट रहते हैं, तो उन्हें टीम की कमान सौंपी जा सकती है।
- कप्तानी का अनुभव: बुमराह अब तक तीन टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी कर चुके हैं। इनमें से एक मैच में जीत और दो में हार हुई है।
- फिटनेस का सवाल: ऑस्ट्रेलिया में पिछली पारी के दौरान गेंदबाजी न कर पाने की वजह से उनकी फिटनेस चिंता का विषय बनी हुई है।
उपकप्तानी के लिए युवा खिलाड़ियों पर विचार
मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर और उनकी टीम बुमराह के साथ एक मजबूत उपकप्तान का विकल्प तलाश रहे हैं।
- दावेदार:
- ऋषभ पंत: 43 टेस्ट खेल चुके पंत को अनुभव और मैच विजेता प्रदर्शन का फायदा है।
- यशस्वी जायसवाल: युवा ओपनर होने के बावजूद, उन्हें भविष्य के लीडर के तौर पर तैयार किया जा सकता है।
ऋषभ पंत: एक प्रबल विकल्प
- उल्लेखनीय प्रदर्शन: पंत ने 2021 में गाबा में यादगार प्रदर्शन किया था, जिससे भारत ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।
- विशेषज्ञों की राय:
- देवांग गांधी:
“पंत एक मैच विजेता हैं और गेंदबाजों के लिए बेहतरीन साउंडिंग बोर्ड हैं। उन्हें उप-कप्तान बनाया जाना चाहिए।”
- दीप दासगुप्ता:
“गेंदबाजी के भारी बोझ को देखते हुए बुमराह दीर्घकालिक कप्तान नहीं हो सकते। पंत इस भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त हैं।”
- देवांग गांधी:
बुमराह को कप्तानी के साथ वर्कलोड प्रबंधन की चुनौती
गेंदबाजी और कप्तानी का तालमेल:
तेज गेंदबाजी में कार्यभार और कप्तानी की जिम्मेदारी का संयोजन चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- ICC इवेंट्स का दबाव:
- 2024 में चैंपियंस ट्रॉफी और टी20 वर्ल्ड कप के चलते बुमराह का हर समय उपलब्ध रहना आवश्यक है।
- आईपीएल के दौरान वर्कलोड और बढ़ जाता है।
दीर्घकालिक समाधान की जरूरत:
गेंदबाजी के दबाव को ध्यान में रखते हुए बुमराह को टेस्ट कप्तान बनाना अस्थायी समाधान हो सकता है। इस कारण चयनकर्ता मजबूत उपकप्तान तैयार करने पर जोर दे रहे हैं।
भविष्य की रणनीति: सिलेक्टर्स का प्लान बी
- युवा नेतृत्व को मौका देना:
- यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों को तैयार करना।
- पंत को कप्तानी के लिए तैयार करना:
- पंत का अनुभव और करिश्माई प्रदर्शन उन्हें लंबे समय तक उप-कप्तान के रूप में स्थापित कर सकता है।