जहां एक तरफ देश में बारिश का मौसम देखने को मिल रहा है। वहीं, एक जगह ऐसी भी है जहां जुलाई में अप्रैल और मई जैसी भीषण गर्मी पड़ रही है। जहां लोग पहाड़ों पर घूमने, प्रकृति का आनंद लेने जाते हैं वहीं अब सूर्यदेव नाराज होकर बैठे हैं. स्थिति इतनी भयावह हो गई कि स्कूल-कॉलेज बंद करने पड़े. ये बात है जम्मू-कश्मीर की.
भीषण गर्मी की लहर
कश्मीर में इस समय हालात गर्मी जैसे हैं. इतना ही नहीं, जुलाई माह में प्राइमरी स्कूलों को दो दिन बंद रखना पड़ा था. क्योंकि वहां हिटवेव चल रही है. कश्मीर के सभी निजी और सरकारी स्कूलों को 29 और 30 जुलाई को बंद रखने का आदेश दिया गया है। कश्मीर डिविजनल कमिश्नर वीके बिधूड़ी ने इस आदेश की घोषणा करते हुए कहा कि छात्रों को न बुलाया जाए. हालांकि, शिक्षकों को स्कूल आने के लिए कहा गया है.
स्कूल बंद करने का आदेश
वीके बिधूड़ी ने अपने आदेश में कहा कि घाटी में चल रही गर्मी के कारण सरकारी और निजी स्कूलों को 29 और 30 जुलाई तक बंद रखने का आदेश दिया गया है. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जैसे इलाकों में हालात ऐसे हैं कि लोग नहाने के लिए बीहड़ों में जाते दिख रहे हैं. एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण ऐसी स्थिति हो रही है. श्रीनगर समेत कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में इतनी भीषण गर्मी नहीं देखी गई है. गर्मी के कारण लोगों को बचने के लिए झीलों, खड्डों और झरनों का सहारा लेना पड़ रहा है।
25 साल का टूटा रिकॉर्ड
कश्मीर में गर्मी ने जुलाई में ही पिछले 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. रविवार को श्रीनगर में तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. 9 जुलाई 1999 के बाद पहली बार श्रीनगर में जुलाई महीने में इतना अधिक तापमान देखा गया है. श्रीनगर में अब तक का सबसे अधिक तापमान 10 जुलाई 1946 को दर्ज किया गया था। तब तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड और कोकरनाग में भी रविवार को तापमान 35.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा कोकरनाग में भी तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहा.