‘वक्फ की जमीन पर बना नया संसद भवन’ विवाद के बीच जमीयत उलेमा अध्यक्ष का बड़ा दावा

Image 2024 10 17t124612.917

वक्फ बिल विवाद :  असम के जमीयत उलेमा के अध्यक्ष और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने दावा किया कि भारत की नई संसद का निर्माण वक्फ भूमि पर किया गया है। वक्फ बिल पर नाराजगी जताते हुए मौलाना ने कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक ताकतों ने बिल की समीक्षा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का बहिष्कार किया है।  

मौलाना ने दावा किया कि वक्फ बिल को लेकर पांच करोड़ लोगों ने जेपीसी को संदेश भेजा है और बिल का बहिष्कार करने की अपील की है. जिससे पता चलता है कि लोग इस बिल को लेकर कितने परेशान हैं. जमीयत-उलेमा इस बिल को चुनौती देने के लिए असम में वक्फ बोर्ड की जमीनों का सर्वेक्षण करेगी। नया संसद भवन वक्फ की जमीन पर बनाया गया है. वक्फ बिल पर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई जारी रहेगी. वक्फ बिल पर जेपीसी की बैठक में दो बार हंगामा हुआ. 

विपक्षी सांसदों का आरोप है कि बीजेपी सांसदों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया है. विपक्ष ने इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर शिकायत भी की. वहीं बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. विपक्षी सांसदों का दावा है कि समिति की कार्यवाही नियमों और प्रक्रियाओं के मुताबिक नहीं हो रही है. कांग्रेस के गौरव गोगोई और इमरान मसूद, डीएमके के ए राजा. बैठक का बहिष्कार करने और इसका विरोध करने वाले नेताओं में शिव सेना के अरविंद सावंत, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह शामिल हैं.