Jalandhar: मैराथन दिग्गज फौजा सिंह के कथित निधन से खेल जगत में गहरा शोक

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News India Live, Digital Desk: चंडीगढ़ से आई एक दुखद खबर ने खेल जगत को स्तब्ध कर दिया है, जिसमें 114 वर्षीय विख्यात मैराथन धावक फौजा सिंह के सड़क दुर्घटना में कथित तौर पर निधन की बात कही गई है। अपनी असाधारण उम्र में भी दौड़ने के जुनून के लिए पहचाने जाने वाले फौजा सिंह के इस दुखद अंत से दुनियाभर में उनके प्रशंसक सदमे में हैं। बताया गया है कि यह हादसा देर रात सेक्टर 19/20 को बांटने वाली सड़क के पास हुआ, जब फौजा सिंह को एक तेज रफ्तार टैम्पो ने टक्कर मार दी। चंडीगढ़ पुलिस ने घटना की पुष्टि की है और आगे की जांच जारी है। उनके पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेजा गया है और उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है।

फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल 1911 को पंजाब में हुआ था और वे एक सौम्य, प्रेरणादायक शख्सियत थे। उन्होंने अपनी अविश्वसनीय धावक यात्रा तब शुरू की जब वे 89 वर्ष के थे। उनके करियर में नौ मैराथन दौड़ें शामिल हैं, और 92 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली लंदन मैराथन पूरी करके लोगों को चकित कर दिया था। अपनी पगड़ी और मैराथन के ट्रैक पर बेधड़क दौड़ने की क्षमता के कारण उन्हें जल्द ही 'टर्बन टोरनाडो' (पगड़ीधारी बवंडर) के नाम से जाना जाने लगा।

फौजा सिंह ने 2013 में हांगकांग मैराथन में अपनी अंतिम पेशेवर दौड़ 101 वर्ष की आयु में पूरी की थी। वे मशहूर खेल कंपनी एडिडास के वैश्विक विज्ञापन अभियान का हिस्सा भी रहे थे। खेल के क्षेत्र में उनके योगदान और जीवटता के सम्मान में, उन्हें 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों के लिए मशालवाहक के रूप में चुना गया था, जहाँ उन्होंने पूरे उत्साह के साथ दौड़ लगाई थी। वे पूरी तरह से शाकाहारी थे और लोगों को सलाह देते थे कि स्वस्थ रहने के लिए हल्का भोजन करें और नियमित रूप से व्यायाम करें। 100 वर्ष की आयु में मैराथन पूरी करने वाले सबसे बुजुर्ग धावक के रूप में उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है, जो उनकी अटूट भावना और शारीरिक दृढ़ता का प्रमाण है।

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