‘जब हम सत्ता में आएंगे…’, ईडी-सीबीआई-आईटी का जिक्र करते हुए जयराम रमेश ने बीजेपी पर साधा निशाना

जयराम रमेश ने बीजेपी और ईसी पर साधा निशाना   : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जमीन घोटाले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने के बाद विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर जुबानी हमला कर रहा है. जहां ईडी इससे पहले मनीष सिसौदिया, सत्येन्द्र जैन समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर चुकी है, वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आयकर विभाग (आईटी), ईडी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और वीवीपैट का जिक्र कर बीजेपी और चुनाव आयोग पर निशाना साधा है.

‘जब हम सत्ता में आएंगे…’

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ‘क्या आईटी, ईडी और सीबीआई हमारे हाथ में हैं? क्या हम बड़े ठेके देते हैं? उन्होंने (सरकार ने) इन एजेंसियों को कई शक्तियां दी हैं।’ फिलहाल हम सत्ता में नहीं हैं, लेकिन जब आएंगे तो लोकतांत्रिक तरीके से और संसदीय समिति को शामिल कर सभी मामलों की समीक्षा करेंगे. हम भ्रष्टाचार से ईमानदारी से लड़ेंगे, क्योंकि हमारे इरादे नेक हैं।’

 

 

‘हम 100 फीसदी वीवीपैट चाहते हैं’

सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग को नोटिस भेजे जाने के बाद रमेश ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने सकारात्मक कदम उठाया है. हालांकि हम पिछले 10 महीने से समय की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने (ECI) इससे इनकार कर दिया है. हम केवल अपनी मांग रखना चाहते हैं, अन्यथा उस पर अमल करना या न करना उनका अधिकार है।’ हम 100 फीसदी वीवीपैट चाहते हैं. मुझे लगता है कि कोर्ट के नोटिस के बाद चुनाव आयोग को इस मुद्दे पर 4 जून के बाद नहीं बल्कि 19 अप्रैल से पहले फैसला कर लेना चाहिए था.

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल को सुनवाई के दौरान वीवीपैट मुद्दे पर चुनाव आयोग को नोटिस भेजा था, तो उसी दिन जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट मुद्दे पर चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है. . चुनाव आयोग ने इंडिया गठबंधन के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया है. हमारी मांग थी कि ईवीएम में जनता का विश्वास बढ़ाने और चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए वीवीपैट पर्चियों का 100% मिलान होना चाहिए। इस मामले में सुप्रीम का नोटिस सबसे पहला और महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका क्रियान्वयन चुनाव शुरू होने से पहले तय किया जाना चाहिए.’