जेल में बंद आसाराम को उपचार के लिए फिर भेजा जाएगा निजी आयुर्वेद अस्पताल

जोधपुर, 19 अप्रैल (हि.स.)। जोधपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के बाद आसाराम को निजी आयुर्वेद अस्पताल में इलाज के लिए सात से दस दिन की मोहलत दी। आसाराम को शुक्रवार सुबह अस्पताल में भर्ती होना था। लेकिन, लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के कारण पुलिस जाब्ता कम होने से भर्ती नहीं किया गया।

आसाराम को 21 मार्च को जोधपुर के निजी आयुर्वेद अस्पताल में इलाज की अनुमति मिली थी। पच्चीस मार्च को आसाराम को इलाज के लिए भर्ती किया गया था। दो अप्रैल को उसे वापस सेंट्रल जेल ले आए। इसके बाद आसाराम की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उसने इलाज के लिए फिर से अस्पताल में भर्ती कराने की मंजूरी मांगी थी। जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने सोलह अप्रैल को समय अवधि बढ़ाते हुए आवश्यक निर्देश के साथ आवेदन को निस्तारित कर दिया।

आसाराम की याचिका में कहा गया था कि 21 मार्च को कोर्ट की अनुमति के बाद सेंट्रल जेल से जोधपुर के आरोग्यधाम आयुर्वेद सेंटर में 25 मार्च भेजा गया था। वहां इलाज शुरू हुआ, जिसका लाभ मिला। दो अप्रैल को वापस सेंट्रल जेल भेज दिया गया। माधव बाग अस्पताल, पुणे के चिकित्सकों की देखरेख में इलाज शुरू हुआ। आरोग्यधाम आयुर्वेद सेंटर में मेरे कमरे के बाहर चार-पांच पुलिसकर्मी तैनात थे, जो इलाज के दौरान कमरे में मौजूद रहते थे। ऐसे में मेरी गोपनीयता और इलाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश को आगे बढ़ाते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) अनिल जोशी को कहा कि वे वहां की व्यवस्थाओं का अवलोकन करें। एएजी जोशी ने कोर्ट को बताया कि आसाराम के कमरे के बाहर पुलिसकर्मी तैनात थे, जो कि सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक भी हैं। पुलिस की मौजूदगी से गोपनीयता के साथ स्वास्थ्य सुधार में भी बाधा हो सकती है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने सभी को सुनने के बाद निर्देश दिए कि आसाराम को सात से दस दिन की अवधि के लिए निजी आयुर्वेद केंद्र भेजा जाएगा। उसके बाद पुन: सेंट्रल जेल में भेजा जाएगा। उसके इलाज की समीक्षा करने और आवश्यकता होने पर इलाज की अवधि को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए कि वे आवेदक की पसंद के दो व्यक्तियों को कमरे में मौजूद रहने की अनुमति देंगे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधिकारी आवेदक की गोपनीयता बरकरार रखेंगे और इलाज में बाधा नहीं होनी चाहिए। कमरे में सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता है, क्योंकि विटामिन डी इलाज के लिए आवश्यक है।