ITR Form: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। देखा जाए तो टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स भरने के लिए अभी भी काफी समय है। ITR फाइल करते समय आपको फॉर्म भरना होता है। अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 7 तरह के फॉर्म जारी करता है, जिसके लिए अलग-अलग पैरामीटर होते हैं। अगर आप पहली बार ITR फाइल करने जा रहे हैं तो जान लें कि आपको कौन सा फॉर्म भरना चाहिए।
आईटीआर फॉर्म 1
जिन भारतीय नागरिकों की सालाना आय 50 लाख रुपये तक है, वे फॉर्म 1 भरते हैं। ज़्यादातर वेतनभोगी लोग रिटर्न दाखिल करने के लिए इसी फॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। 50 लाख रुपये तक की आय में आपकी सैलरी, पेंशन, घर की संपत्ति और कई दूसरे स्रोत शामिल होते हैं। 5000 रुपये तक की कृषि आय भी इसमें शामिल है। लेकिन अगर आप किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं, किसी अनलिस्टेड कंपनी में निवेश किया है, कैपिटल गेन्स से कमाई करते हैं, एक से ज़्यादा घर या प्रॉपर्टी से आय होती है या फिर कारोबार से कमाई होती है, तो आप यह फॉर्म नहीं भर सकते।
आईटीआर फॉर्म 2
अगर आपकी आय 50 लाख रुपए से ज़्यादा है तो आप ये फ़ॉर्म भरें. इसके तहत आपको एक से ज़्यादा रिहायशी प्रॉपर्टी, निवेश पर कैपिटल गेन या लॉस, 10 लाख रुपए से ज़्यादा डिविडेंड इनकम और खेती से 5000 रुपए से ज़्यादा की आय के बारे में बताना होता है. इसके अलावा अगर PF से ब्याज के तौर पर आय होती है तो भी ये फ़ॉर्म भरा जाता है.
आईटीआर फॉर्म 3
अगर आप कारोबारी हैं, इक्विटी अनलिस्टेड शेयरों में निवेश किया है या किसी कंपनी में पार्टनर के तौर पर कमाई कर रहे हैं तो आपको ITR फॉर्म 3 भरना होगा। इसके अलावा अगर आपको ब्याज, सैलरी, बोनस, कैपिटल गेन्स, हॉर्स रेसिंग, लॉटरी, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए से इनकम होती है तो भी आप यह फॉर्म भर सकते हैं। फ्रीलांसर को भी यह फॉर्म भरना होता है।
आईटीआर फॉर्म 4
अगर आप बिजनेसमैन, डॉक्टर या वकील हैं और आपकी आय 50 लाख से 2 करोड़ के बीच है तो आपको फॉर्म 4 भरना होगा। अगर आप फ्रीलांसर हैं लेकिन आपकी सालाना आय 50 लाख से ज्यादा है तो भी आप यह फॉर्म भर सकते हैं।
आईटीआर फॉर्म 5
आईटीआर 5 उन संस्थाओं के लिए है जिन्होंने खुद को फर्म, एलएलपी, एओपी, बीओआई के रूप में पंजीकृत किया है। इस फॉर्म का इस्तेमाल एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स और बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स के लिए भी किया जाता है।
आईटीआर फॉर्म 6 और 7
आयकर अधिनियम की धारा 11 के तहत छूट प्राप्त न करने वाली कंपनियों के लिए ITR फॉर्म 6 भरना ज़रूरी है। जिन कंपनियों और व्यक्तियों को धारा 139(4A) या धारा 139(4B) या धारा 139(4C) या धारा 139(4D) के तहत रिटर्न दाखिल करना ज़रूरी है, उन्हें ITR फॉर्म 7 भरना होगा।