आईटीआर फाइलिंग 2025: एक वर्ष में कई संपत्तियों की बिक्री , क्या धारा 54 की छूट सभी पर लागू होती है?

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अगर आपने एक वित्तीय वर्ष में एक से अधिक प्रॉपर्टी बेची है और जानना चाहते हैं कि क्या सेक्शन 54 के तहत कैपिटल गेन टैक्स छूट उन सभी बिक्री पर लागू होती है, तो इसका जवाब कुछ शर्तों और नियमों पर निर्भर करता है।

सेक्शन 54 के अंतर्गत आपको लंबी अवधि की सकारात्मक पूंजी लाभ (long-term capital gains) पर कर से बचाव मिलता है, यदि आपने सेल की गई रिहायशी प्रॉपर्टी की पूंजी लाभ को अन्य किसी नई रिहायशी प्रॉपर्टी में निवेश किया है। यहाँ कुछ मुख्य बिंदु हैं जो ध्यान रखना जरूरी है:

सेक्शन 54 छूट केवल तब ही मिलती है जब आप एक रिहायशी संपत्ति बेचते हैं और उसी साल या अगले दो वर्षों के अंदर (या तीन साल के भीतर बनाए गए घर में) नई रिहायशी संपत्ति खरीदते या बनाते हैं।

यदि आपने एक साल के भीतर या एक ही वित्तीय साल में कई रिहायशी संपत्तियाँ बेची हैं, तो प्रत्येक संपत्ति पर अलग-अलग छूट नहीं मिलेगी। दूसरे शब्दों में, इस छूट को क्लेम करने के लिए आपको कुल लाभ (capital gains) को जोड़कर नई प्रॉपर्टी में निवेश करना होगा।

एक वित्तीय वर्ष में आप दो रिहायशी प्रॉपर्टियों की खरीद पर ही टैक्स छूट पा सकते हैं बशर्ते कि आपकी पूंजी लाभ 2 करोड़ रुपये से अधिक न हो। यह एक लिमिटेड छूट है।

यदि आपने मल्टीपल प्रॉपर्टी बेची हैं, तो कुल लाभ को मिला कर नए रिहायशी मकान की खरीद या निर्माण में निवेश करना होगा ताकि पूरी या आंशिक छूट मिले। अलग-अलग प्रॉपर्टी के लिए अलग-अलग छूट के दावे संभव नहीं हैं।

नई प्रॉपर्टी उसी व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के नाम होनी चाहिए, और सभी निवेश भारत में हो।

कुछ मामलों में सेक्शन 54F लागू होता है, जहां गैर-रिहायशी संपत्ति बेचने पर भी रिहायशी संपत्ति खरीदने पर छूट मिलती है, लेकिन यह भी कुल पूंजी लाभ के आधार पर एक ही निवेश के लिए होती है।

हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले में यह साफ किया गया है कि एक ही बिल्डिंग में अलग-अलग फ्लोर या इकाइयों का मालिक होना कई रिहायशी संपत्तियों का मालिक होना नहीं माना जाएगा, इस स्थिति में छूट मिल सकती है।

सारांश में, सेक्शन 54 की छूट एक ही वित्तीय वर्ष में मल्टीपल प्रॉपर्टी की अलग-अलग बिक्री पर व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलती। टैक्स छूट पाने के लिए कुल विक्रय लाभ को जोड़कर एक या दो रिहायशी प्रॉपर्टी में निवेश करना जरूरी है। नई प्रॉपर्टी की खरीद और पूंजी लाभ के हिसाब से ही छूट की मात्रा तय होती है।

यदि आप इस मामले में सही योजना और ड्रॉइंग करना चाहते हैं, तो टैक्स कंसल्टेंट या CA की सलाह अवश्य लें ताकि आप क़ानूनी दायरे में रहकर अधिकतम टैक्स बचत कर सकें।

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