ITR Filing 2024: आमदनी बढ़ने के साथ ही टैक्स देनदारी भी बढ़ती है. लेकिन, अगर प्लानिंग सही हो तो ज्यादा सैलरी ब्रैकेट पर भी टैक्स बचाया जा सकता है. अगर आपकी सैलरी सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको भारी भरकम टैक्स देना होगा. लेकिन, आपके पास टैक्स बचाने का एक शानदार तरीका है. अगर आप 10.5 लाख रुपये सालाना सैलरी ब्रैकेट में आते हैं तो भी आपका एक भी रुपया टैक्स के तौर पर नहीं जाएगा. आपको बता दें, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की तारीख नजदीक है. 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल नहीं करने पर जुर्माना लग सकता है.
₹10.5 लाख की सैलरी पर नहीं लगेगा टैक्स
सबसे पहले आपको अपनी बचत और खर्च को इस तरह रखना होगा ताकि आप उस पर कर छूट का लाभ उठा सकें।
मान लीजिए आपकी सैलरी 10,50,000 रुपये है और आपकी उम्र 40 साल से कम है, तो इसका मतलब है कि आप 30% स्लैब में आएंगे।
1- सबसे पहले 50,0000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर काट लें
10,50,0000-50,000= रु 10,00,000
2- इसके बाद आप 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए बचा सकते हैं। इसमें आप ईपीएफ, पीपीएफ, ईएलएसएस, एनएससी और दो बच्चों की ट्यूशन फीस में निवेश के तौर पर सालाना 1.5 लाख रुपए तक की रकम पर आयकर छूट का लाभ उठा सकते हैं
10,000,000-1,50,000= 8,50,000 रुपये
3- अगर आप नेशनल पेंशन सिस्टम या एनपीएस में सालाना 50,000 रुपये तक का निवेश करते हैं तो आयकर अधिनियम की धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत आपको अलग से आयकर बचाने में मदद मिलती है।
8,50,000-50,0000= 8,00,000 रु
4- अगर आपने होम लोन लिया है तो आयकर की धारा 24बी के तहत 2 लाख रुपये के ब्याज पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
8,00,000-2,00,000 = 6,00,000 रुपये
5- आयकर की धारा 80डी के तहत आप स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं, जिसमें जीवनसाथी, बच्चों और खुद के लिए निवारक स्वास्थ्य जांच की लागत शामिल है। इसके अलावा, अगर आप माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीदते हैं, तो आपको 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त कटौती मिल सकती है। शर्त यह है कि माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हों।
6,00,000-75,000= 5,25,000 रु
6- आयकर की धारा 80जी के तहत आप संस्थाओं को दान या अंशदान के रूप में दी गई राशि पर कर कटौती का दावा कर सकते हैं। मान लीजिए आपने 25,000 रुपये दान किए हैं, तो आप इस पर कर छूट पा सकते हैं। हालांकि, दान या अंशदान को साबित करने के लिए आपको दस्तावेज जमा करने होंगे। जिस संस्था को आप दान करते हैं, वहां से आपको मुहर लगी रसीद मिलनी चाहिए। यह दान का सबूत होगा जिसे कर कटौती के समय जमा करना होगा।
5,25,000-25,000= 5,00,000 रुपये
7- तो अब आपको 5 लाख रुपये की आय पर टैक्स देना होगा और आपकी टैक्स देनदारी 12,500 रुपये (2.5 लाख का 5%) होगी। लेकिन, चूंकि छूट 12,500 रुपये है, इसलिए उसे 5 लाख रुपये के स्लैब में शून्य टैक्स देना होगा।
कुल कर कटौती = 5,00,000 रुपये
शुद्ध आय = 5,00,000 रुपये
कर देयता = रु 0