पाकिस्तान में नई सरकार का गठन हो गया है, लेकिन इससे भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्तों पर कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान से लग रहा है कि भारत भी पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की पहल करने के मूड में नहीं है. तीन दिनों की सिंगापुर यात्रा पर निकले जयशंकर ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में अपनी किताब से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा, हम एक ऐसे पड़ोसी देश के साथ कैसे काम करें जो आतंकवाद को अपनी शासन प्रणाली के हिस्से के रूप में इस्तेमाल करता है? हालाँकि, भारत अब आतंकवाद को नज़रअंदाज़ करने के पक्ष में नहीं है। पाकिस्तान औद्योगिक पैमाने पर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और भारत इसे स्वीकार नहीं करेगा.
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया का हर देश अपने पड़ोसी देश में स्थिरता चाहता है और अगर स्थिरता नहीं है तो कम से कम पड़ोसी देश शांति से रहना चाहता है लेकिन भारत के लिए दुर्भाग्य की बात है कि उसका पड़ोसी देश ऐसा नहीं है. ऐसे पड़ोसी के साथ देश.. हिलाने में सक्षम जो खुलेआम आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है…आतंकी घटनाओं से पाकिस्तान का कनेक्शन छिटपुट घटनाओं में नहीं बल्कि लगातार सामने आता रहा है. इसके बाद भारत इस फैसले पर पहुंचा है कि वह इस खतरे का मुकाबला करेगा और जरूरत पड़ने पर कड़े फैसले भी लेगा.
बिना नाम लिए जयशंकर ने कहा कि एक तरफ अगर पाकिस्तान आतंकवाद जारी रखता है तो भारत कभी नहीं कहेगा कि हमें इस पर बात करनी चाहिए.