अंतरिक्ष में उगाया गया ISRO का पहला पौधा! जानिए मंगल और चांद के मिशन में इसका क्या महत्व

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 30 दिसंबर 2023 को अंतरिक्ष में लोबिया (ब्लैक-आइड पी) के बीज भेजे थे। अब पिछले सप्ताह इन बीजों के अंकुरित होने की खबर आई, जो भारत के लिए अंतरिक्ष अनुसंधान में एक बड़ी उपलब्धि है।

इस प्रयोग को ISRO के “CROPS” (Crop Growth Experiment) मिशन के तहत किया गया था। अब सवाल यह उठता है कि अंतरिक्ष में पौधे उगाने की जरूरत क्यों है? और यह भविष्य के मंगल और चांद मिशन के लिए क्यों जरूरी है? आइए जानते हैं इस अनोखे प्रयोग के बारे में विस्तार से।

अंतरिक्ष में पौधे उगाने की जरूरत क्यों?

1. मंगल और चांद पर मानव मिशन की तैयारी

🚀 भविष्य में मंगल और चांद पर इंसानों को बसाने की योजनाएं बनाई जा रही हैं। ऐसे में वहां खाद्य संसाधनों को उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती होगी।
🌱 अगर अंतरिक्ष में खुद के भोजन उगाए जा सकें, तो अंतरिक्ष यात्रियों को धरती से खाद्य सामग्री ले जाने की जरूरत नहीं होगी।

2. ऑक्सीजन की सप्लाई

🌿 पौधे प्रकाश संश्लेषण के जरिए ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं।
🔬 इससे अंतरिक्ष यानों और मंगल पर मानव कॉलोनियों के लिए सांस लेने योग्य वातावरण तैयार करने में मदद मिलेगी।

3. पोषण और मानसिक स्वास्थ्य

🥗 अंतरिक्ष में मौजूद खाद्य आपूर्ति सीमित होती है, और लंबे समय तक प्री-पैकेज्ड फूड की पोषण गुणवत्ता भी कम हो जाती है।
😇 ताजे फल-सब्जियां अंतरिक्ष यात्रियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं।

अमेरिका स्थित ब्लू मार्बल स्पेस इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस के वैज्ञानिक सिद्धार्थ पांडे के मुताबिक,

“अंतरिक्ष में पौधों को उगाने से मिशनों की अवधि बढ़ सकती है और ऑक्सीजन उत्पादन में मदद मिलेगी।”

अंतरिक्ष में पौधे उगाना इतना मुश्किल क्यों है?

1. माइक्रोग्रैविटी की चुनौती

🪐 अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बहुत कम होता है, जिसे माइक्रोग्रैविटी कहते हैं।
🌱 इसके कारण पौधों की जड़ें नीचे की ओर नहीं बढ़तीं, जिससे पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में दिक्कत होती है।

2. पानी की आपूर्ति में कठिनाई

💧 माइक्रोग्रैविटी में पानी किसी भी सतह से चिपक जाता है और जड़ों तक नहीं पहुंच पाता।
🚀 पानी को सही जगह पहुंचाने के लिए स्पेशल इरिगेशन सिस्टम की जरूरत होती है।

3. तापमान और रोशनी की समस्याएं

🔥 अंतरिक्ष में तापमान बेहद अस्थिर होता है – यह सैकड़ों डिग्री तक ऊपर-नीचे हो सकता है।
💡 सूरज की रोशनी भी पृथ्वी जैसी नहीं होती, इसलिए LED लाइट्स से प्रकाश संश्लेषण करवाया जाता है।

ISRO ने अंतरिक्ष में लोबिया कैसे उगाया?

ISRO का CROPS (Crop Growth Experiment) बॉक्स एक मिनी ग्रीनहाउस की तरह काम करता है।

ISRO के प्रयोग की खास बातें:

✅ मिट्टी का विशेष चयन:
ISRO ने “हाईली प्रोसेस्ड मिट्टी” का उपयोग किया, जिसमें छोटे-छोटे छिद्र थे।
🌱 यह मिट्टी पानी को अवशोषित करने और पोषक तत्वों को नियंत्रित तरीके से रिलीज करने में मदद करती है।

✅ प्रकाश संश्लेषण के लिए LED लाइट्स:
🔆 4 गर्म LED और 4 ठंडी LED का उपयोग किया गया।
🌗 16 घंटे लाइट चालू और 8 घंटे बंद रखी गई, ताकि दिन-रात की नकल की जा सके।

✅ नमी और उर्वरक नियंत्रण:
पानी को नियंत्रित रूप से छोड़ने के लिए धीमी गति से रिलीज होने वाले उर्वरकों का उपयोग किया गया।

अंतरिक्ष में कौन-कौन से पौधे उगाए जा सकते हैं?

🔍 वैज्ञानिकों ने कुछ विशेष पौधों को चुना है, जो अंतरिक्ष में उगाए जा सकते हैं:

1. पत्तेदार सब्जियां (Leafy Greens)

🥬 लेट्यूस, पालक और सरसों के पत्ते – ये तेजी से बढ़ते हैं और कम जगह लेते हैं।
🌱 ये आयरन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं।

2. दालें और फलियां (Legumes & Beans)

🫘 लोबिया, राजमा, मटर – ये प्रोटीन से भरपूर होते हैं और मिट्टी में नाइट्रोजन जोड़ते हैं।
🌍 इससे पोषक तत्वों का चक्र संतुलित रहता है।

3. टमाटर और मिर्च (Tomatoes & Peppers)

🍅 NASA ने अंतरिक्ष में टमाटर और मिर्च उगाने का सफल प्रयोग किया है।
🚀 इनका विटामिन C अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बहुत जरूरी होता है।

अंतरिक्ष में पौधे उगाने की तकनीकें

🌿 अंतरिक्ष में पौधे उगाने के दो मुख्य तरीके अपनाए जाते हैं:

1. हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponics)

🚰 मिट्टी की बजाय पौधों को पोषक तत्वों वाले पानी में उगाया जाता है।
✅ यह तरीका जमीन की जरूरत को खत्म कर देता है और पानी की बर्बादी को रोकता है।

2. एरोपोनिक्स (Aeroponics)

💨 इस तकनीक में जड़ों को हवा में छोड़कर पोषक तत्वों का स्प्रे किया जाता है।
⚡ इससे 98% तक पानी की बचत होती है और कीटनाशकों की जरूरत खत्म हो जाती है।

NASA के वैज्ञानिकों ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एरोपोनिक्स तकनीक से पौधे उगाने में सफलता हासिल की है।

क्या अंतरिक्ष में खेती संभव है?

🚀 ISRO का यह प्रयोग दिखाता है कि भविष्य में मंगल, चांद या अंतरिक्ष में खेती संभव हो सकती है।

🌎 अगर हम अंतरिक्ष में खुद का भोजन उगा सकें, तो इंसानों को ब्रह्मांड में लंबी यात्राओं के लिए तैयार किया जा सकता है।

📢 अब सवाल यह है – क्या हम निकट भविष्य में मंगल ग्रह पर खेत देख पाएंगे? 🤔

👉 क्या आप अंतरिक्ष में खेती की इस तकनीक को गेम-चेंजर मानते हैं? अपनी राय जरूर बताएं! 🚀🌿