इसरो की उपलब्धि, 21वीं सदी के पुष्पक विमान का सफल परीक्षण, जानें इसकी खासियतें

Content Image 52dec1b8 8b87 4e6e B72d 4561bc744252

इसरो पुष्पक विमान का प्रक्षेपण : त्रेता युग के बाद अब 21वीं सदी में पुष्पक विमान की चर्चा एक बार फिर शुरू हो गई है। दरअसल इसरो ने आज पुष्पक विमान (आरएलवी-डीटी) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस प्रक्षेपण के बाद इसने सफल लैंडिंग की। 

इसरो की एक बड़ी उपलब्धि 

इसरो ने सुबह 7 बजे कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) में लैंडिंग परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। इसे पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान के साथ लॉन्च किया गया जिसे एक बड़ी उपलब्धि माना जाता है। 

 

 

क्या है इस पुष्पक विमान की खास बात… 

पुष्पक एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण विमान है। यह पंखे के ब्लेड वाले हवाई जहाज की तरह है। विमान की लंबाई 6.5 मीटर और वजन 1.75 टन है।

आज इस विमान की जटिल परिस्थितियों में रोबोटिक लैंडिंग क्षमता का परीक्षण किया गया.

इससे अंतरिक्ष तक पहुंच को किफायती बनाने में मदद मिलेगी। 

यह महंगे उपकरणों से सुसज्जित एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान है। इसे पृथ्वी पर लौटा दिया जाता है और पुन: प्रयोज्य बना दिया जाता है, जिससे यह टिकाऊ साबित होता है। 

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अंतरिक्ष में मलबा कम करेगा। यह किसी उपग्रह को बाद में अंतरिक्ष में ईंधन भरने या मरम्मत के लिए वापस लाने में भी मदद करेगा।