भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को एक और बड़ी सफलता हासिल हुई है। इसरो ने एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (एएम) तकनीक का उपयोग करके एक तरल रॉकेट इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इंजन को 665 सेकंड के हॉट टेस्ट से गुजरना पड़ा, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में 3डी प्रिंटिंग तकनीक की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
इसरो की इस सफलता का क्या होगा असर?
तरल रॉकेट इंजन PS-4 का सफल परीक्षण किया गया। लंबे समय तक पीएस-4 सफलतापूर्वक काम करेगा। इसकी सहायता से 97% कच्चे माल को बचाया जा सकता है। उत्पादन समय को 60% तक कम किया जा सकता है।
PS4 की विशेषताएं क्या हैं?
इसरो ने अपनी तकनीक को तेज करने के लिए PS4 इंजन को डिजाइन किया है। जो इसरो के लिए एक और बड़ी सफलता साबित हुई. इस PS4 इंजन को बोलचाल की भाषा में 3D प्रिंटिंग रॉकेट इंजन भी कहा जाता है। इसरो ने इस सफलता की जानकारी देते हुए कहा कि इस नए इंजन की मदद से 97 फीसदी कच्चे माल की बचत की जा सकती है और उत्पादन समय को 60 फीसदी तक कम किया जा सकता है. इसरो ने तरल रॉकेट इंजन का सफल परीक्षण कर एक मील का पत्थर छू लिया है।
पीएसएलवी में इंजन लगाया जाएगा
PSLV (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) के चौथे चरण के लिए PS4 इंजन को पारंपरिक मशीनरी और वेल्डिंग का उपयोग करके तैयार किया गया है। हालाँकि, यही इंजन PSLV के पहले चरण (PS1) में भी इस्तेमाल किया गया था। आपको बता दें कि इस इंजन का 665 सेकेंड तक सफल परीक्षण किया गया। इंजन के परीक्षण के बाद पाया गया कि सभी प्रदर्शन पैरामीटर उम्मीद के मुताबिक काम कर रहे हैं। हालाँकि, अब PSLV कार्यक्रम में PS4 इंजन को शामिल करने की योजना है।