अल-काहिरा (काहिरा)/दुबई: फिलिस्तीनी नेता इस्माइल हानियेह की बुधवार सुबह ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई. इस हत्या के बाद यह आशंका मजबूत होती जा रही है कि गाजा युद्ध पूरे मध्य पूर्व को अपनी चपेट में ले लेगा. उसमें इजराइल ने ऐलान किया है कि वो हत्या हमने नहीं की. हालांकि, ईरान के जवाबी हमले के खिलाफ पूरे इजराइल में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है.
इजराइल का कहना है कि हमने वो मिसाइलें लॉन्च नहीं कीं. अमेरिका का कहना है कि इसमें हमारा कोई हाथ नहीं है. तो सवाल यह है कि वे मिसाइलें आईं कहां से?
दूसरी ओर, यह भी कहा जा रहा है कि अब फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने आक्रमण की पूरी तैयारी शुरू कर दी है। परिणामस्वरूप, गाजा युद्ध का अब पूरे मध्य पूर्व में फैलना तय लग रहा है।
इस त्रासदी का सच ये है कि ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने गए हनिया जब शपथ ग्रहण समारोह के बाद वापस लौटे तो कई मिसाइलें महल पर गिरने से महल नष्ट हो गया. हनियाह और उनके अंगरक्षक भी शहीद हो गए। इसके साथ ही मिस्र और कतर द्वारा शुरू की गई शांति वार्ता भी ध्वस्त हो गई है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए बुधवार को कहा कि हमें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसमें हमारा कोई हाथ नहीं है. ऐसा क्यों हुआ इसका अंदाजा लगाना भी बेहद मुश्किल है.
आइए अब नजर डालते हैं इजराइल द्वारा लिखे गए रक्तरंजित इतिहास पर:
2012: हमास के सशस्त्र स्कूल के प्रमुख अहमद ज़बारी की कार पर हवाई हमले में मौत।
2019: इस्लामिक जिहाद कमांडर बहा अबू अल-अना की उनके घर पर हवाई हमले में मौत।
2023: दिसंबर में, दमिश्क में एक ड्रोन हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के लंबे समय तक सलाहकार रहे सैयद रज़ी मौसल की मौत के बाद ईरान ने इज़राइल को दोषी ठहराया।
2024: इस साल जनवरी में बेरूत के ऊपर इजरायली ड्रोन हमले में हमास के एक शीर्ष अधिकारी सालेह अरौरी की मौत हो गई।
2024: अप्रैल में सीरिया में ईरानी दूतावास पर इजरायली हवाई हमले में दो ईरानी जनरलों की मौत हो गई.
हनियेह की हत्या से ठीक 24 घंटे पहले इजराइल ने घोषणा की थी कि उसने लेबनान की राजधानी बेरुत में हिजबुल्लाह के एक कमांडर को मार गिराया है. इससे इस संदेह की पुष्टि होती है कि हनियेह की हत्या इजराइल ने की है या कराई है. उस हत्या पर न तो इजराइल और न ही अमेरिका ने हाथ उठाया है. लेकिन अब मुखबिरों के मुताबिक इजरायल-हमास युद्ध के मध्य पूर्व तक फैलने की पूरी आशंका है. इससे यह तय है कि मिस्र और कतर द्वारा की गई शांति वार्ता की कोशिशें भी ध्वस्त हो गई हैं.