इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार देर रात एक बयान जारी कर कहा कि हमास के साथ संघर्ष विराम समझौता अभी तक पूरा नहीं हुआ है। नेतन्याहू ने कहा कि इस समझौते को अंतिम रूप देने पर काम जारी है। उनका यह बयान तब आया है जब कुछ घंटे पहले ही अमेरिका और कतर ने इस समझौते की घोषणा की थी।
संघर्ष विराम की खबर के बाद फिलिस्तीन में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और जश्न मनाया। यह समझौता गाजा में पिछले 15 महीनों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और बंधकों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
नेतन्याहू का अस्पष्ट रुख
नेतन्याहू ने स्पष्ट नहीं किया है कि वह कतर और अमेरिकी नेतृत्व में हुए इस समझौते को स्वीकार करेंगे या नहीं।
- उन्होंने कहा कि जब तक समझौते के सभी बिंदुओं को अंतिम रूप नहीं दिया जाता, तब तक औपचारिक प्रतिक्रिया देना संभव नहीं है।
- उनके अनुसार, समझौते के विवरण पर अब भी काम किया जा रहा है।
कतर और अमेरिका की भूमिका:
- कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल सानी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस समझौते को ऐतिहासिक करार दिया था।
- लेकिन नेतन्याहू की अंतिम मंजूरी के बिना यह प्रयास अधर में लटका नजर आ रहा है।
दोहा में हुई लंबी बातचीत
कई हफ्तों से कतर की राजधानी दोहा में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम को लेकर बातचीत चल रही थी।
- समझौते का उद्देश्य गाजा में जारी जंग को रोकना और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना था।
- अमेरिका ने इस बातचीत को अपनी कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा।
हालांकि, नेतन्याहू के अंतिम फैसले में देरी ने इस मामले को जटिल बना दिया है।
गाजा में ताजा हालात और संघर्ष का असर
गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग के दौरान हाल ही में इजरायली हमलों की खबरें भी आई हैं।
- पिछले 15 महीनों के संघर्ष में अब तक 46,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
- गाजा की लगभग 90% आबादी विस्थापित हो चुकी है।
- इजरायल ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा बड़े हमले के जवाब में गाजा पर आक्रमण शुरू किया था।
- इस हमले में इजरायल में 1200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
संघर्ष विराम समझौते की अहमियत
अगर यह समझौता लागू होता है, तो यह न केवल गाजा में जंग रोकने का काम करेगा, बल्कि:
- बंधकों की रिहाई: बड़ी संख्या में बंधकों को आजाद किया जाएगा।
- मानवीय सहायता: गाजा की पीड़ित आबादी को राहत मिलेगी।
- स्थिरता: मध्य-पूर्व में लंबे समय से चली आ रही अस्थिरता में कमी आ सकती है।
नेतन्याहू के फैसले का इंतजार
बेंजामिन नेतन्याहू के बयान से साफ है कि समझौते को लेकर फिलहाल स्थिति अनिश्चित है।
- अगर इजरायल इस समझौते पर मुहर लगाता है, तो यह एक ऐतिहासिक कूटनीतिक उपलब्धि होगी।
- लेकिन नेतन्याहू की अनिश्चितता ने इस प्रक्रिया को पेचीदा बना दिया है।