इजरायल और गाजा के बीच पिछले 14 महीनों से चल रहे संघर्ष का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। जब दुनिया नए साल का जश्न मना रही है, गाजा के निवासियों के लिए नया साल भी दर्द और तबाही लेकर आया। गाजा के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि हालिया इजरायली हमलों में कम से कम नौ फिलिस्तीनियों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे।
ताजा हमले में जबालिया और बुरेज पर कहर
- जबालिया हमला:
- बुधवार को इजरायल ने गाजा के उत्तरी इलाके जबालिया में एक घर पर हमला किया।
- गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में एक महिला और चार बच्चों सहित सात लोगों की मौत हुई।
- एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
- बुरेज शरणार्थी शिविर पर हमला:
- गाजा के अल-अक्सा शहीद अस्पताल ने बताया कि मध्य गाजा के बुरेज शरणार्थी शिविर में हुए एक और हमले में एक महिला और एक बच्चे की जान चली गई।
जबालिया क्षेत्र, जो पहले से ही अलग-थलग और तबाह है, इजरायली सेना के अक्टूबर 2023 से चल रहे अभियान का केंद्र बना हुआ है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि: 7 अक्टूबर 2023 का हमास हमला
- हमास का हमला:
- 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 250 लोगों को बंदी बना लिया गया।
- इजरायल की प्रतिक्रिया:
- हमास के हमले के जवाब में, इजरायल ने गाजा में हमास के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले शुरू किए।
भयावह आंकड़े: 45,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत
- गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार:
- जंग शुरू होने के बाद से अब तक 45,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है।
- मरने वालों में 50% से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं।
इजरायल का रुख: हमास को ठहराया दोषी
- हमास के ठिकानों पर हमले का दावा:
- इजरायली सेना का कहना है कि उसके हमले केवल हमास के आतंकियों को निशाना बनाते हैं।
- इजरायल ने दावा किया कि अब तक उसने हमास के 17,000 आतंकियों को मार गिराया है।
- घनी आबादी वाले इलाकों से हमले:
- इजरायल ने आरोप लगाया है कि हमास घनी आबादी वाले क्षेत्रों से हमले करता है, जिससे आम नागरिकों की मौत हो रही है।
- हमास को ठहराया जिम्मेदार:
- इजरायल ने कहा कि नागरिकों की मौतों के लिए हमास जिम्मेदार है।
नया साल, लेकिन गाजा के लिए कोई राहत नहीं
गाजा के लोगों के लिए नया साल भी संघर्ष, तबाही और दर्द लेकर आया।
- जबालिया और बुरेज जैसे इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर बर्बाद हो चुका है।
- महिलाएं और बच्चे इस संघर्ष में सबसे ज्यादा पीड़ित हैं।