इजराइल इस समय युद्ध की मार झेल रहा है। देश की सरकार का पूरा ध्यान गाजा हमास के खात्मे पर है, युद्ध जहां नागरिकों की जान के लिए खतरा बन गया है, वहीं इसका असर इजरायल की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिला है. 2023 की चौथी तिमाही में इजराइल की जीडीपी 19% से नीचे गिर गई थी। जिसके बाद केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा था कि 7 अक्टूबर को शुरू हुए युद्ध का असर जीडीपी पर देखा गया है। लेकिन बैंक ऑफ इजराइल द्वारा जारी विदेशी मुद्रा भंडार के हालिया आंकड़ों में युद्ध के बावजूद बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
बैंक ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2024 के अंत तक इज़राइल का विदेशी मुद्रा भंडार 206.828 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। यह जनवरी महीने के स्तर से 703 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी है। बैंक ऑफ इज़राइल की इस रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया है, युद्ध के कारण उम्मीद की जा रही थी कि इज़राइल अपनी मुद्रा को मजबूत करने के लिए अपने विदेशी भंडार को बेच देगा लेकिन उसने अपने भंडार को और बढ़ा दिया है।
बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से पुनर्मूल्यांकन का नतीजा है। बैंक ने यह भी कहा कि इस वृद्धि की आंशिक भरपाई सरकार की लगभग 244 मिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा गतिविधियों से हुई।
युद्ध के महीने यानी अक्टूबर में इजराइल का विदेशी मुद्रा भंडार 191 अरब डॉलर, नवंबर में 198, दिसंबर में 204, जनवरी में 206 और फरवरी में इससे भी ज्यादा बढ़कर 207 अरब डॉलर तक पहुंच गया. आपको बता दें कि दिसंबर 2021 में यह रिजर्व रिकॉर्ड 213 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया था।
इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को 150 दिन से ज्यादा हो गए हैं. 7 अक्टूबर को हमास के हमले में करीब 1200 नागरिक मारे गए और करीब 250 लोगों को हमास लड़ाकों ने बंधक बना लिया. इस हमले के जवाब में इजराइल ने गाजा पर हमले शुरू कर दिए. इन हमलों में अब तक 30 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है.