क्या बच्चे को हर दिन नहलाना सही है? जानिए क्या कहते हैं बाल रोग विशेषज्ञ

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पेरेंटिंग टिप्स: आजकल माता-पिता के मन में बच्चे की देखभाल से जुड़े कई सवाल होते हैं। दरअसल, शिशु की त्वचा नाजुक होती है और उसकी देखभाल में विशेष देखभाल की जरूरत होती है। खासकर, जब नहाने की बात आती है, तो सवाल उठता है कि क्या बच्चे को हर दिन नहलाना उसकी त्वचा के लिए अच्छा है या उसकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है।

माता-पिता अक्सर यह नहीं समझ पाते हैं कि किस उम्र में बच्चे को रोजाना नहलाना शुरू किया जा सकता है और क्या स्पंज स्नान एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इस लेख में डॉ. लाइफवेव मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, पुणे के सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ संदीप बेलपत्रा से जानें कि क्या शिशु के लिए रोजाना नहाना उचित है और उन्हें नहलाने के सही तरीके क्या हैं।

क्या शिशु को प्रतिदिन नहलाना ठीक है?

आजकल, कई नए माता-पिता इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि क्या उनके बच्चे को हर दिन नहलाना उनकी त्वचा के लिए अच्छा है या इससे उनकी त्वचा को नुकसान हो सकता है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप बेलपत्रा के मुताबिक, नवजात शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है और रोजाना नहाने से त्वचा की नमी कम हो सकती है। डॉक्टरों का मानना ​​है कि नवजात शिशु की त्वचा बहुत कोमल होती है, इसमें प्राकृतिक तेल और नमी की एक परत होती है जो इसे बाहरी संक्रमण और शुष्कता से बचाती है। इसलिए, अपने बच्चे को हर दिन नहलाना आवश्यक नहीं है और इसे सप्ताह में दो से तीन बार तक सीमित करना उसकी त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है। यदि खुजली, सूजन या दाने जैसे लक्षण दिखाई दें तो आपको बच्चे को रोजाना नहलाने से बचना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

नवजात शिशु को नहलाने के नियम

डॉक्टर सलाह देते हैं कि पहले कुछ हफ्तों तक बच्चे को हर दिन नहलाने की जरूरत नहीं है। नवजात शिशु को सप्ताह में दो से तीन बार गर्म पानी से नहलाना पर्याप्त है। साथ ही उनकी त्वचा में नमी बनी रहती है।

क्या शिशु को प्रतिदिन नहलाना हानिकारक है?

रोजाना नहाने से बच्चे की त्वचा पर मौजूद प्राकृतिक तेल धुल जाता है, जिससे त्वचा शुष्क हो जाती है और चकत्ते होने का खतरा बढ़ जाता है। शिशु की त्वचा बहुत पतली होती है और उन पर साबुन का उपयोग करने से उनकी त्वचा की नमी खोने का खतरा बढ़ जाता है।

शिशु की त्वचा की देखभाल कैसे करें?

अपने बच्चे को नहलाते समय केवल हल्के और रसायन-मुक्त उत्पादों का ही उपयोग करें। उदाहरण के लिए, ऐसे साबुन का उपयोग करें जो सुगंध रहित हो और बच्चे की त्वचा के लिए उपयुक्त हो। इसके अतिरिक्त, अपने बच्चे को नहलाने के बाद हल्के मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें, जो उनकी त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद कर सकता है। बच्चे को हर दिन नहलाने के बजाय, माता-पिता बच्चे को स्पंज स्नान करा सकते हैं। इससे उनकी त्वचा नम रहेगी और शरीर साफ रहेगा। इसके लिए आप हल्के गीले कपड़े से बच्चे के शरीर को धीरे-धीरे पोंछ सकती हैं। नवजात शिशु के लिए यह विधि सबसे सुरक्षित मानी जाती है।