क्या नल का पानी पीना सचमुच अशुभ है?

ऐसी कई धार्मिक मान्यताएं हैं जिनके बारे में हम अक्सर सुनते रहते हैं। ऐसी ही एक मान्यता है कि व्यक्ति को फिसला हुआ पानी नहीं पीना चाहिए यानी अगर कोई पानी की बोतल या गिलास पर पैर रख दे या उसे छू ले तो उसे वह पानी नहीं पीना चाहिए। कहा जाता है कि इस तरह का पानी पीने से न सिर्फ जीवन में अशुभता आती है बल्कि सेहत भी खराब होने लगती है। ऐसे में आइए ज्योतिषी राधाकांत वत्स से जानते हैं कि इसके पीछे की असली वजह क्या है।

  • क्या लात का पानी नहीं पीना चाहिए?
    शास्त्रों में कहा गया है कि जिस चीज को ठोकर लगती है वह राहु के पास जाती है। उस चीज का प्रयोग करने से व्यक्ति पर राहु का बुरा प्रभाव दिखना शुरू हो जाता है।
  • इसी तरह, अगर पानी ठोकर खाने का कारण बनता है तो उसे पानी का उपयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि उस पानी को पीने से शरीर में नकारात्मकता प्रवेश कर जाती है।
  • इतना ही नहीं, उस नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से आपके शरीर में बदलाव आने लगते हैं, या तो आपकी सेहत ख़राब होने लगती है या फिर आप बहुत अधिक तनाव महसूस करने लगते हैं।
  • राहु के अशुभ प्रभाव के कारण आपकी मानसिक शांति भंग हो जाती है और आपके शरीर में अजीब सी थकान महसूस होने लगती है जिसके कारण आप ऊर्जावान महसूस नहीं करते हैं।
  • आपको दूषित पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उस पानी को पीने से आप राहु की अशुभ दृष्टि को स्वीकार कर लेते हैं, जिससे अन्य ग्रह परेशान हो जाते हैं।
  • इस पानी को पीने के अलावा नहाने, पौधों को पानी देने या किसी अन्य काम में इस्तेमाल न करें।