पहाड़ी राज्यों के लिए आईआरएस बेहद अहम: प्रो. शेखर चतुर्वेदी

देहरादून, 24 जून (हि.स.)। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से सोमवार को किसी भी आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों और विभिन्न रेखीय विभागों के लिए इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के प्रो. शेखर चतुर्वेदी ने कहा कि आपदा के समय उत्तराखंड के साथ ही अन्य पहाड़ी राज्यों के लिए आईआरएस सिस्टम बहुत उपयोगी साबित हो सकता है।

प्रो. शेखर चतुर्वेदी ने कहा कि आपदा के दौरान क्षेत्राधिकार को लेकर जो भी जटिलताएं और समस्याएं सामने आती हैं, उनका समाधान भी आईआरएस में किया गया है। उन्होंने आपदा के समय आईआरएस के महत्व और उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आईआरएस एक ऐसी एकीकृत व्यवस्था है, जिसके माध्यम से आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित करने में मदद मिलती है।

उन्होंने बताया कि आईआरएस में सभी विभागों के कार्य और दायित्व तय हैं। सभी विभागों की भूमिका भी स्पष्ट है, इसलिए आपदा के समय बहुत बेहतर तरीके से रिसोर्स मैनेजमेंट किया जा सकता है। विभिन्न संसाधनों को किस तरीके से जुटाया जाता है और कैसे उन्हें मौके पर भेजकर राहत और बचाव किया जाता है, इसके लिए एक फुलप्रूफ व्यवस्था बनाई गई है।

उन्होंने कहा कि आपदा के समय यह सुनिश्चित किया गया है कि क्षेत्राधिकार के विवादों के कारण आपदा प्रबंधन के साथ ही राहत और बचाव कार्यों में व्यवधान न हो। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और विषम भौगोलिक स्थितियों वाले राज्य के लिए एकीकृत कमांड और एरिया कमांड बहुत मददगार साबित हो सकते हैं।

प्रो. शेखर चतुर्वेदी ने कहा कि 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक आईआरएस को नोटिफाई नहीं किया है। उन्हें जल्द आईआरएस को नोटिफाई कर इसे अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान कार्य करने वाले सभी विभागों के लिए आईआरएस बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि आईआरएस में एकीकृत संचार व्यवस्था, ट्रांसफर ऑफ कमांड, एरिया कमांड, इंसीडेंट एक्शन प्लान, रिसोर्स मैनेजमेंट आदि को लेकर बहुत ही अच्छा सिस्टम विकसित किया गया है।

प्रशिक्षण में यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) राजकुमार नेगी, अधिशासी निदेशक डॉ.पीयूष रौतेला,एसईओसी के प्रभारी राहुल जुगरान, यूएसडीएमए के विशेषज्ञ मनीष भगत, डॉ.वेदिका पंत, रोहित कुमार, डॉ. पूजा राणा, जेसिका टेरोन, तंद्रीला सरकार, हेमंत बिष्ट, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, एसईओसी में तैनात विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद थे।