ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम के हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद ईरान एक बार फिर चर्चा में आ गया है. ईरान में भूकंप के तेज झटके महसूस किये गये हैं. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.9 मापी गई है. रजावी खुरासान प्रांत के कश्मीर काउंटी में भूकंप के झटके महसूस किये गये. भूकंप के कारण जान-माल के नुकसान की भी खबरें हैं, कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 120 से ज्यादा लोग घायल हो गए. भूकंप के बाद स्थानीय प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है.
विशाल इमारतों और सड़कों को नुकसान
भूकंप के बाद करीब 35 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. भूकंप के कारण कुछ इमारतों और कई सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है. इससे पहले पिछले साल नवंबर में भी ईरान में भीषण भूकंप आया था. तब भूकंप की तीव्रता 7.3 मापी गई थी. भूकंप में 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि हजारों लोग घायल हो गए।
वर्ष-2003 में भारी तबाही हुई थी
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ईरान में हर साल औसतन 10,000 भूकंप आते हैं। साल 2003 में ईरान के बाम शहर में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी. फिर एक भूकंप ने शहर को नष्ट कर दिया। सैकड़ों लोग मारे गये और हजारों घायल हो गये।
ये भी जानिए
आपको बता दें कि तीव्रता के आधार पर भूकंप को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाता है। 2.5 से 5.4 तीव्रता वाले भूकंप द्वितीयक श्रेणी में आते हैं। 5.5 से 6 की तीव्रता वाले भूकंप को हल्के खतरे वाला भूकंप माना जाता है, जिसमें मामूली क्षति की संभावना होती है। अगर 6 से 7 तीव्रता का भूकंप आता है तो नुकसान की आशंका भी बढ़ जाती है. 7 से 7.9 तीव्रता के भूकंप खतरनाक माने जाते हैं. इस तीव्रता के भूकंप से इमारतों में दरार पड़ने या ढहने की संभावना होती है। इससे अधिक तीव्रता वाले सभी भूकंपों को बेहद खतरनाक श्रेणी में रखा जाता है।
भूकंप क्यों आते हैं?
पृथ्वी टेक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल लावा है. ये प्लेटें लगातार तैरती रहती हैं और कभी-कभी एक-दूसरे से टकरा भी जाती हैं। बार-बार टकराने से कई बार प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेटें टूटने लगती हैं। ऐसी स्थिति में नीचे से ऊर्जा अपना रास्ता खोज लेती है और इस गड़बड़ी के बाद भूकंप आता है