रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा के लिए सही योजना का चयन करना बेहद जरूरी है। इसी दिशा में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अटल पेंशन योजना (APY) एक कारगर योजना है जो रिटायरमेंट के बाद आपको वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के लोगों को रिटायरमेंट के लिए बचत करने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि वे बुढ़ापे में भी आर्थिक रूप से स्वतंत्र रह सकें।
इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष की आयु का कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है। निवेशक 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की पेंशन पा सकता है।
कम योगदान, ज्यादा फायदा
अगर आप 18 साल की उम्र में निवेश करना शुरू करते हैं तो महज 210 रुपये प्रति माह का योगदान कर 60 साल की उम्र के बाद 5,000 रुपये मासिक पेंशन पा सकते हैं।
सरकारी गारंटी
इस योजना में मिलने वाली पेंशन की न्यूनतम राशि की गारंटी केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है, जिससे आपकी पेंशन सुरक्षित रहती है।
सरकारी अंशदान:
केंद्र सरकार भी आपकी अंशदान राशि का 50% या अधिकतम 1,000 रुपये प्रति वर्ष अंशदान करती है, बशर्ते कि आप किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत कवर न हों और आयकरदाता न हों।
विभिन्न विकल्प
यदि आप 40 वर्ष की आयु में निवेश शुरू करना चाहते हैं, तो आपको 60 वर्ष की आयु के बाद 5,000 रुपये पेंशन प्राप्त करने के लिए 1,454 रुपये प्रति माह का योगदान करना होगा। यदि आप 32 वर्ष की आयु में इस योजना से जुड़ते हैं, तो आपको 689 रुपये प्रति माह का योगदान करना होगा।
लचीलापन और सुरक्षा
यह योजना विभिन्न पेंशन विकल्प प्रदान करती है, जिससे आप अपनी आवश्यकताओं और वित्तीय स्थिति के अनुसार योजना चुन सकते हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश के एक या दो नहीं, बल्कि अनेक लाभ हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश के एक या दो नहीं, बल्कि अनेक लाभ हैं।
अटल पेंशन योजना में निवेश के लाभ
नियमित मासिक पेंशन बुढ़ापे में वित्तीय निर्भरता से बचाती है।
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
कम उम्र में निवेश करने से कम योगदान में अधिक लाभ मिलता है।