NPS में पैसा लगाएं या नहीं? जानिए फायदे, नुकसान और किसे करना चाहिए निवेश

Post

News India Live, Digital Desk: जब हम रिटायरमेंट की योजना बनाने बैठते हैं, तो सबसे पहला सवाल यही आता है कि अपनी मेहनत की कमाई को कहां लगाएं, ताकि बुढ़ापे में किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े. इस मामले में सरकार की नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) स्कीम का नाम सबसे पहले आता है. कई लोग इसे रिटायरमेंट के लिए सबसे अच्छा विकल्प मानते हैं, तो कुछ लोग इसकी कमियों को लेकर इससे दूर भागते हैं.

अगर आप भी NPS को लेकर उलझन में हैं, तो चिंता मत कीजिए. आइए, आज हम बिल्कुल आसान भाषा में इसके नफे-नुकसान का पूरा हिसाब-किताब करते हैं, ताकि आप खुद यह तय कर सकें कि यह स्कीम आपके लिए है या नहीं.

NPS में निवेश क्यों करना चाहिए? (ये हैं 5 बड़े फायदे)

  1. टैक्स बचाने का डबल फायदा: NPS टैक्स बचाने के लिए एक शानदार विकल्प है. आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट पा सकते हैं. इसके अलावा, आपको 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट (सेक्शन 80CCD(1B) के तहत) भी मिलती है. यानी, आप कुल मिलाकर 2 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स बचा सकते हैं.
  2. दूसरे विकल्पों से बेहतर रिटर्न: NPS का पैसा शेयर बाजार (इक्विटी) और सरकारी बॉन्ड्स में लगाया जाता है. इस वजह से, लंबी अवधि में इसमें PPF या FD जैसी पारंपरिक योजनाओं के मुकाबले कहीं बेहतर रिटर्न देने की क्षमता होती है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह 9% से 12% तक का सालाना रिटर्न दे सकता है.
  3. निवेश की पूरी आजादी: यह योजना आपको यह चुनने की आजादी देती है कि आपका कितना पैसा शेयर बाजार में लगे और कितना सुरक्षित बॉन्ड्स में. अगर आप जोखिम ले सकते हैं, तो ज्यादा रिटर्न के लिए इक्विटी में निवेश बढ़ा सकते हैं.
  4. मैनेजमेंट फीस बहुत कम: म्यूचुअल फंड की तुलना में NPS की फंड मैनेजमेंट फीस न के बराबर (लगभग 0.09%) होती है. इसका मतलब है कि आपकी कमाई का बड़ा हिस्सा आपके फंड को बढ़ाने में ही इस्तेमाल होता है.
  5. नौकरी बदलने पर कोई झंझट नहीं: यह अकाउंट पूरी तरह पोर्टेबल है. यानी अगर आप नौकरी बदलते हैं, तो भी आपका NPS अकाउंट वही रहेगा और आपका निवेश बिना किसी रुकावट के चलता रहेगा.

 

NPS में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए? (ये हैं 3 बड़ी कमियां)

  1. सारा पैसा एक साथ नहीं निकाल सकते: यह NPS की सबसे बड़ी और सबसे चर्चित कमी है. जब आप 60 साल के हो जाएंगे, तो आप अपनी जमा की गई कुल रकम का सिर्फ 60% हिस्सा ही एकमुश्त निकाल सकते हैं (यह हिस्सा टैक्स-फ्री होता है).
  2. 40% हिस्से से पेंशन लेना अनिवार्य: बाकी बचे 40% पैसे को आपको अनिवार्य रूप से किसी बीमा कंपनी के एन्युइटी (Annuity) प्लान में लगाना पड़ता है, जिससे आपको जिंदगी भर हर महीने पेंशन मिलती है.
  3. पेंशन की रकम पर लगता है टैक्स: आपको एन्युइटी प्लान से जो भी मासिक पेंशन मिलती है, उस पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है. यह बात कई लोगों को पसंद नहीं आती, क्योंकि PPF या EPF का पैसा पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है.

--Advertisement--