झारखंड में इंटरनेट सेवा बंद: झारखंड सामान्य स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (जेजीजीएलसीसीई) के मद्देनजर राज्य भर में शनिवार और रविवार को पांच घंटे से अधिक समय तक मोबाइल इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध रहेगा. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए शनिवार को सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध रहेगा और यह प्रतिबंध रविवार को भी जारी रहेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि परीक्षा की तैयारियों को लेकर मैंने वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है.
सीएम ने कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
उन्होंने कहा कि लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। परीक्षा के दौरान गलती से भी किसी ने कुछ गलत करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जेएसएससी के एक अधिकारी ने कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग 823 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित करेगा जिसमें लगभग 6.39 उम्मीदवारों के शामिल होने की उम्मीद है.
हेमंत सोरेन ने परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को बधाई दी
इसे लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट भी शेयर किया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ”अभी वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की और कल से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली जेएसएससीसीजीएल परीक्षा की तैयारियों के बारे में जानकारी ली और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. किसी भी स्थिति में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी उम्मीदवारों को मेरी शुभकामनाएं।
इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने का राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों को मैसेजिंग या चैट के माध्यम से पेपर उपलब्ध नहीं कराए जाएं। आमतौर पर पेपर लीक में शामिल लोग परीक्षा से पहले पेपर को व्हाट्सएप या अन्य मैसेजिंग ऐप के जरिए प्रसारित करने की कोशिश करते हैं। इसके जरिए हेमंत सरकार की कोशिश है कि पेपर के रिजल्ट पर कोई सवाल न उठे.
क्या झारखंड में फोन कॉल पर लगेगी रोक?
झारखंड गृह विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 21-22 सितंबर को सुबह 8 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक फिक्स्ड टेलीफोन लाइनों पर आधारित वॉयस कॉल और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी जारी रह सकती है. इस आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता, 2023 की धारा 223 और भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।