राज देवता मंडीमाधोराय की जलेब के साथ शुरू हुआअंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव

मंडी, 09 मार्च (हि.स.)। छोटी काशी मंडी में शनिवार को 7 दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज राजदेवता माधोराय की शाही जलेब के साथ हुआ। अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव-2024 की प्रथम शाही जलेब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिरकत की। माधोराय की जलेब में सबसे आगे पुलिस के घुड़ सवार पुलिस और होमगार्ड बैंड, पुलिस के जवान, महिला पुलिस, होमगार्ड, पूर्व सैनिक लीग की टुकड़ियां के साथ-साथ सांस्कृतिक छटा बिखेरते सांस्कृतिक दलों ने भी राजदेवता की जलेब में शिरकत की।

डी.सी. कार्यालय परिसर से शुरू हुई राजदेवता माधोराय की जलेब पड्डल मैदान में पहुंची। यहां पर मुख्यमंत्री ने ध्वजारोहण कर शिवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ किया। जलेब में पहली बार हिमाचली व मंडयाली संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाले सांस्कृतिक दलों ने अपने क्षेत्र के परंपरागत पहनावे के साथ शामिल होकर प्रतिनिधित्व किया। इसमें बालीचौकी क्षेत्र के दल द्वारा मशहूर फागली नृत्य के अलावा मुखौटा नृत्य, महिलाओं की नाटी के साथ-साथ मंडी का नागरीय नृत्य की झलक भी जलेब में देखने को मिली। प्रजापिता ब्रम्हकुमारी संस्था की ओर से शिवरात्रि को लेकर विशेष झांकी के साथ जागरूकता का संदेश दिया।

जलेब में बालीचौकी क्षेत्र के देवता छानणू-झमाहूं की जोड़ी ढोल नगाड़ों की लय पर झूमे। इसके बाद देव कोटलू नारायण, देव सरोली मार्कंडेय, देव शैटी नाग, देवी डाहर की अंबिका, देव विष्णू मतलोड़ा, देव मगरू महादेव, देव चपलांदू नाग, श्रीदेव बायला नारायण, देव बिटठु नारायण, देव लक्ष्मी नारायण पखरोल, चौहारघाटी के देव हुरंग नारायण, देव घड़ौनी नारायण, देव पशाकोट नारायण, देव पेखरू का गहरी, देव चुंजवाला शिव, देव तुंगासी ब्रम्हा, देवी सरस्वती महामाया, देवी नाऊ अंबिका के बाद राज माधव की चांदी की कुर्सी और उसके पीछे राजदेवता की पालकी चल रही थी जबकि राजदेवता माधोराय की पालकी के पीछे देव शुकदेव डगाहंढु, देव शुकदेव मड़घयाल, देव जलौणी गणपति, देव शेषनाग टेपर, देव झाथीवीर और देव टूंडीवीर शामिल रहे