International disclosure of conversion racket: ईडी ने चांगुर बाबा के ठिकानों से विदेशी मुद्रा बरामद की तार विदेश से जुड़े
News India Live, Digital Desk: International disclosure of conversion racket: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धार्मिक रूपांतरण और हवाला कारोबार से जुड़े एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 'चांगुर बाबा' के नाम से पहचाने जाने वाले सुरेंद्र गौड़ (अब सुरेंद्रनाथ सिंह) और उनके ट्रस्ट से जुड़े कई ठिकानों पर छापे मारे हैं। इस कार्रवाई में एजेंसी को भारी मात्रा में अमेरिकी डॉलर, यूरो और सऊदी रियाल जैसी विदेशी मुद्राएं बरामद हुई हैं, जो इस रैकेट के अंतरराष्ट्रीय संबंधों की ओर स्पष्ट संकेत देती हैं।
सुरेंद्र गौड़, जो खुद को संत श्री स्वामी सुरेंद्रनाथ सिंह बताते हैं, बिहार के सिवान में 'संत श्री स्वामी सुरेंद्रनाथ सिंह शिक्षण एवं धर्मार्थ ट्रस्ट' चलाते हैं। ED की जांच में यह सामने आया है कि इस ट्रस्ट का इस्तेमाल गरीबों, विशेषकर अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों के कमजोर लोगों को पैसा, नौकरी और मुफ्त आवास जैसे प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने के लिए किया जा रहा था। यह सारा गोरखधंधा अवैध और आपराधिक माध्यमों से विदेशी धन प्राप्त कर संचालित किया जा रहा था।
ED ने इस मामले में देश भर में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जिसमें बिहार (सिवान सहित), झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और मुंबई में स्थित ठिकाने शामिल थे। इन छापों के दौरान महत्वपूर्ण आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, संपत्ति के विवरण और बैंक खातों से जुड़ी अहम जानकारी जब्त की गई है।
जांच से पता चला है कि 'चांगुर बाबा' का यह रैकेट इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा चलाए जा रहे ग्लोबल पीस सेंटर और उमर गौतम जैसे अन्य धर्मांतरण रैकेट से जुड़ा हुआ है। गौरतलब है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी को भी उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (UP ATS) ने पहले इसी तरह के बड़े धर्मांतरण रैकेट के संबंध में गिरफ्तार किया था, और बाद में ED ने भी उन्हें हिरासत में ले लिया था। UP ATS ने पहले खुलासा किया था कि सिद्दीकी का संगठन यूनाइटेड किंगडम स्थित 'अल-हसन इंटरनेशनल' और अन्य विदेशी संस्थाओं से लगभग 150 करोड़ रुपये की फंडिंग प्राप्त कर रहा था।
ईडी की यह नवीनतम कार्रवाई 'चांगुर बाबा' के नाम से संचालित हो रहे धर्मांतरण गिरोह और उसके पीछे के बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाला और फंडिंग नेटवर्क को बेनकाब करती है। बरामद विदेशी मुद्रा से इस पूरे रैकेट की पहुंच और साजिश के वैश्विक स्तर तक फैले होने की आशंका प्रबल हो गई है। आगे की जांच में इस विशाल नेटवर्क के और भी कई पहलुओं का खुलासा होने की उम्मीद है।
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