बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर अत्याचारों और धार्मिक नेताओं की गिरफ्तारी काे लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग

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कोलकाता, 26 नवंबर (हि.स.)। बांग्लादेश में हिंदू संगठनों के प्रमुख प्रवक्ता और इस्कॉन के सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। बांग्लादेश के चटगांव में आयोजित एक रैली में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अन्य 19 लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया है। हिंदू समुदाय ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। साथ ही अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर अत्याचारों और धार्मिक नेताओं की गिरफ्तारी काे खिखाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में विभिन्न हिंदू संगठनों ने 28 नवंबर को एक बड़े प्रदर्शन की घोषणा की है। हिंदू जागरण मंच और पश्चिम बंगाल सनातनी संगठन की ओर से मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि यह रैली सियालदह स्टेशन से बांग्लादेश उच्चायोग तक निकाली जाएगी। आयोजकों ने सभी हिंदू समुदायों से इसमें शामिल होने की अपील की है।

पश्चिम बंगाल के प्रमुख हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों और धार्मिक नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाना चाहिए ताकि इन घटनाओं को रोका जा सके​​​​।

बीते 25 अक्टूबर को चटगांव के न्यू मार्केट क्षेत्र में आयोजित “सनातन जागरण मंच” की रैली के दौरान एक धार्मिक ध्वज को कथित रूप से राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा फहराने का आरोप लगाया गया है। इस पर बांग्लादेश सरकार ने गंभीर आपत्ति जताते हुए राजद्रोह का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने 30 अक्टूबर को दो अन्य कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया​​ है​​।

चिन्मय कृष्ण दास “सनातन जागरण मंच” के प्रमुख सदस्यों में से एक हैं। संगठन ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए कई विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं।