बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से शेख हसीना की वापसी की मांग की

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की औपचारिक मांग की है।
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत को एक डिप्लोमैटिक नोट भेजकर इस संबंध में अपनी मंशा जाहिर की।
फिलहाल, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना दिल्ली में किसी अज्ञात स्थान पर रह रही हैं।

शेख हसीना: तख्तापलट के बाद भारत में शरण

  • 5 अगस्त 2023:
    बांग्लादेश में 16 साल बाद तख्तापलट हुआ, जिसके चलते शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया गया।
  • वह उसी दिन बांग्लादेश वायुसेना के एक विमान से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंचीं।
  • तब से वह भारत में हैं और हाल ही में वर्चुअल माध्यम से अपनी पार्टी अवामी लीग के एक कार्यक्रम को संबोधित करती नजर आई थीं।

डिप्लोमैटिक नोट में क्या कहा गया?

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में स्पष्ट किया:

“हमने भारत सरकार को एक डिप्लोमैटिक नोट भेजा है। इसमें शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की गई है ताकि उनके खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।”

शेख हसीना के खिलाफ वारंट और आरोप

इंटरनेशनल क्राइम ट्राइब्यूनल ने शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

  • उनके अलावा, कई पूर्व कैबिनेट मंत्री, सैन्य अधिकारी, और न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ भी वारंट जारी हुए हैं।
  • 77 वर्षीय शेख हसीना पर भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं।

मोहम्मद यूनुस सरकार का रुख

बांग्लादेश की होम मिनिस्ट्री के सलाहकार जहांगीर आलम ने कहा:

  • उनके दफ्तर ने विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा है, जिसमें शेख हसीना की वापसी के लिए प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई है।
  • यह कदम उनके खिलाफ मुकदमा चलाने को आसान बनाएगा।

मुजीबुर रहमान की विरासत पर हमला

अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु मुजीबुर रहमान की विरासत को भी निशाना बनाया है।

  • उनके नाम पर बने संग्रहालय को आग के हवाले किया गया।
  • उनके सम्मान में घोषित सरकारी छुट्टियों को भी समाप्त कर दिया गया है।

भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ता तनाव

शेख हसीना को भारत से वापस लाने की मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक संवेदनशील मुद्दा बन गई है।

  • शेख हसीना को भारत के साथ मधुर संबंधों, उदारवादी नीतियों, और धर्मनिरपेक्ष राजनीति के लिए जाना जाता है।
  • उनकी भारत में उपस्थिति से बांग्लादेश सरकार और भारत के बीच राजनयिक संबंधों पर असर पड़ सकता है।