जयपुर, 29 जून (हि.स.)। राजस्थान सरकार प्रदेश के स्पोर्ट्स एक्ट (खेल नीति) में बदलाव करने से पहले खिलाड़ियों और खेल संघ के प्रतिनिधियों से बातचीत की जाएगी। इसके बाद ही प्रदेश की खेल नीति में बदलाव होगा। गुरुवार को जयपुर में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इसकी जानकारी दी।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि बदलाव जीवन का नियम होता है। स्पोर्ट्स एक्ट में कितना बदलाव होगा या नहीं होगा। यह बात तो सही समय पर ही पता चल सकेगी। लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि सरकार जो भी काम करेगी। उसे सभी संगठनों के साथ मिलकर ही पूरा किया जाएगा। खेल संघ और खिलाड़ियों से चर्चा के बाद ही स्पोर्ट्स एक्ट में संशोधन का मसौदा तैयार किया जाएगा। जिस पर चर्चा के बाद ही उसे लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैसे भी खेल और खिलाड़ियों का हित सबसे पहले होना चाहिए। इसको ध्यान में रखते हुए ही सरकार अपनी नीतियों पर काम कर रही है।
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की कार्यकारिणी को भंग कर बनाई गई एडहॉक कमेटी के कामकाज पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब तक राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए थी। इसमें देरी क्यों हुई है, इसको लेकर एडहॉक कमेटी से जवाब मांगा गया था। जिस पर उन्होंने जवाब देते हुए चुनाव में देरी के कुछ कारण बताएं हैं। फिलहाल मुझे उन कारणों का पता नहीं है। लेकिन जो भी कारण होंगे उस पर मंथन और चिंतन कर अंतिम फैसला किया जाएगा।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की कार्यकारिणी को फरवरी में भंग कर 90 दिन के लिए सरकार ने पांच सदस्य एडहॉक कमेटी का गठन किया था। जिसे अपने 90 दिन के कार्यकाल में ही चुनाव प्रक्रिया की घोषणा करनी थी, लेकिन भाजपा विधायक जयदीप बिहानी के नेतृत्व वाली पांच सदस्य एडहॉक कमेटी अपने पूरे कार्यकाल में यह काम नहीं कर पाई है। ऐसे में सरकार एडहॉक कमेटी के सदस्यों में बदलाव कर एडहॉक की समय अवधि को भी बढ़ा सकती है। ताकि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की पुरानी कार्यकारिणी फिर से पावर में नहीं आए और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव का आयोजन कराया जा सके।