रायपुर, 28 मई (हि.स.)। बच्चों एवं महिलाओं को त्वरित सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 24 घंटे आपातकालीन सेवा के रूप में बच्चों के लिए चाईल्ड हेल्पलाईन सी.एच.एल-1098 एवं महिलाओं के लिए महिला हेल्पलाईन डब्ल्यू.एच.एल-181 संचालित है। उक्त हेल्पलाईन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए पुलिस विभाग द्वारा संचालित ई.आर.एस.एस-112 के साथ इंटीग्रेशन किया जा रहा है।
हेल्पलाईन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से आज मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन में महिला एवं बाल विकास की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी ने सी-डैक तिरूअनंतपुरम, पुलिस विभाग की ई.आर.एस.एस-112 की टीम, बीएसएनएल, रेलवे एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को हेल्पलाईन को बच्चों एवं महिलाओं की त्वरित मदद के लिए प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। बैठक में संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती तुलिका प्रजापति भी मौजूद थी।
सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी ने पिछली बैठक में दिए गए निर्देश के परिपालन की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में सभी 33 जिलों में चाईल्ड हेल्पलाईन संचालन हेतु हार्डवेयर लगाया जा चुका है। 32 जिलों में चाईल्ड हेल्पलाईन का डब्ल्यू.सी.डी. कंट्रोल रूम से इंटीग्रेशन कर संचालन प्रारंभ हो चुका है। इंटीग्रेशन की कार्यवाही पूर्ण करने हेतु सी-डैक एवं बीएसएनएल के अधिकारियों को निर्देश दिये गये। राज्य के 27 जिलों के वन स्टॉप सेंटर (सखी सेंटर) में महिला हेल्पलाईन यूनिट की स्थापना एवं इंटीग्रेशन कर संचालन किया जा रहा है। सचिव, महिला एवं बाल विकास ने रेलवे रायपुर एवं बिलासपुर से आए अधिकारियों तथा विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि बच्चों के सर्वाेत्तम हित में रायपुर एवं बिलासपुर रेलवे स्टेशन के उपयुक्त स्थान पर चाईल्ड हेल्पलाईन का संचालन किया जाए। इस संबंध में उन्होंने संबंधित आधिकारियों को शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित करने तथा अधिकारियों को स्वयं स्थल का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। सचिव, महिला एवं बाल विकास ने चाईल्ड हेल्पलाईन-1098 एवं डब्ल्यू.एच.एल-181 में प्राप्त प्रकरणों की विस्तृत समीक्षा की और लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।