जयपुर, 21 मई (हि.स.)। प्रदेश में टीबी रोग के उपचार में उपयोग आने वाली सभी आवश्यक दवाइयों की सुचारू आपूर्ति की जा रही है। गत दिनों कुछ समय के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत क्षय औषधियों की केन्द्र से आपूर्ति बाधित हुई थी, लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित प्रबंधन कर दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि टीबी संक्रमितों का प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं हो।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए बताया कि प्रदेश में टीबी उन्मूलन के लिए सकंल्पबद्ध होकर टीबी संक्रमण की पहचान व उपचार सेवाओं का संचालन किया जा रहा है। केन्द्र सरकार से कुछ समय के लिए दवाओं की आपूर्ति प्रभावित होने पर भी प्रदेश में बफर स्टॉक के माध्यम से टीबी उपचार के लिए दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई। साथ ही, स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को टीबी की दवा खरीदने के लिए प्राधिकृत किया गया और इसके लिए आवश्यक बजट भी जारी किया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि अप्रैल एवं मई में केन्द्र सरकार से चार-एफडीसी की करीब एक लाख टेबलेट तथा तीन-एफडीसी की करीब एक लाख तीन हजार टेबलेट्स की आपूर्ति की गई। इसी प्रकार जिलों में स्थानीय स्तर पर अप्रैल और मई में करीब पांच लाख 75 हजार टेबलेट्स की खरीद की गई। दवा खरीद के लिए करीब आठ करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई। दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति के लिए राज्य सरकार ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को पत्र भी लिखा था। अब प्रदेश में टीबी दवा की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
सिंह ने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम की नियमित समीक्षा की जा रही है। जहां भी दवाओं की उपलब्धता से संबंधित समस्या सामने आई, वहां तत्काल प्रभाव से दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। स्थानीय स्तर पर खरीद के साथ ही जिन जिलों में अधिक मात्रा में दवा उपलब्ध थी, वहां से अन्य जिलों को दवा की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। चिकित्सकों द्वारा टीबी के उपचार में उपयोग में आने वाली अन्य वैकल्पिक दवाओं के माध्यम से भी रोगियों का उपचार सुनिश्चित किया गया। सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार से प्राप्त सभी आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति एवं दिशा-निर्देश के अनुसार गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। सभी अधिकारियों को प्राप्त इनडेंट के अनुसार दवाओं की आपूर्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, टीबी पहचान व उपचार सेवाओं की गतिविधियों की सघन मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिये हैं।