अधिवक्ता चेंबर में विद्युत बिल जारी करने मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता को निर्देश

जोधपुर, 22 अप्रेल (हि.स.)। राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश डा पी एस भाटी और न्यायाधीश मुन्नुरी लक्ष्मण ने राज्य के न्यायालय परिसर में अधिवक्ता चेंबर में अघरेलू श्रेणी के विद्युत बिल जारी करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर अतिरिक्त महाधिवक्ता को राजस्थान विद्युत नियामक आयोग से दिशा निर्देश लेकर आगामी पेशी 28 मई तक यह अवगत कराने को कहा है कि वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा पारित ऐसे ही प्रकरण को ध्यान में रखते हुए अधिवक्ता चेंबर्स के विद्युत बिल की तुलनात्मक श्रेणी बताएं।

राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास बालिया और अधिवक्ता अनिल भंसाली तथा अनिल भंडारी ने कहा कि राज्य के न्यायालयों में अधिवक्ता को चार चार के समूह में चेंबर्स का आवंटन किया गया है और इनके खोलने और बंद करने का समय भी हाईकोर्ट प्रशासन ने तय किया हुआ है और इन चेंबर्स में किसी प्रकार की वाणिज्यिक गतिविधियां संचालित नहीं हो रही है ।

उन्होंने कहा कि अधिवक्ता कार्यालय को दुकान, व्यवसायिक संस्था और रेस्टोरेंट के समकक्ष रखकर विद्युत विभाग ने नियमों के प्रतिकूल कार्य किया है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता चेंबर्स को कार्यालय नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने अधिवक्ता कार्यालय और चेंबर्स के विद्युत बिल अघेरलू श्रेणी में रखकर विद्युत राशि वसूलने को नियमों के प्रतिकूल बताया है। उन्होंने इसी परिपेक्ष्य में राजस्थान विद्युत नियामक आयोग को पक्षकार बनाए जाने का अनुरोध किया। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार,जोधपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से भावित शर्मा और हाईकोर्ट की ओर से अंकित तातेड ने पैरवी की।

राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश डा पी एस भाटी और न्यायाधीश मुन्नुरी लक्ष्मण ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा अधिवक्ता कार्यालय और चेंबर्स के विद्युत बिल बाबत पारित आदेश के मद्देनजर अपना रुख बताने का कहा है। उन्होंने राजस्थान विद्युत नियामक आयोग को पक्षकार बनाने का आदेश देते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता को राजस्थान विद्युत नियामक आयोग से अधिवक्ता कार्यालय और चेंबर्स के विद्युत बिल की तुलनात्मक श्रेणी बाबत दिशा निर्देश लेकर आगामी तारीख 28 मई तक अवगत कराने के निर्देश दिए।