जयपुर, 25 नवंबर (हि.स.)। जयपुर के बजाज नगर निवासी की हीमोफैगोसाइटोसिस लिम्फो हिस्टोसाइटोसिक (एचएलएच) के साथ उच्च रक्तचाप और हेपेटाइटिस के कारण मौत होने तथा रोगी की जांच में इंसीडेंटली जीका वायरस पुष्टि को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रोएक्टिव एप्रोच के साथ प्रभावी रोकथाम एवं नियंत्रण गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए हैं। निदेशालय स्तर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि निदेशालय स्तर से सीएमएचओ जयपुर प्रथम को निर्धारित प्रावधानों के अनुसार जीका रोकथाम, नियंत्रण और निगरानी, आईईसी, लार्वा रोधी गतिविधियां- फोगिंग, फोकल स्प्रे करने, नगर निगम द्वारा मच्छर रोधी अभियान संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही निकटवर्ती संपर्कों में वायरस संक्रमण की जांच के लिए ब्लड, यूरिन के सेम्पल एसएमएस माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला में भेजने के भी निर्देश दिए गए हैं। डॉ. माथुर ने बताया कि विस्तृत दिशा-निर्देशानुसार जीका संदिग्ध मामलों की पहचान के लिए घर-घर सर्वेक्षण के साथ-साथ ओपीडी में आने वाले संदिग्ध मामलों पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। जीका पॉजिटिव मामले का रोगी के साथ निकट संपर्क का कोई हिस्ट्री है तो संचालित की जा रही रोकथाम व नियंत्रण गतिविधियों की पर्यवेक्षण निगरानी भी रखने एवं जिला मुख्यालय अधिकारियों द्वारा क्रॉस चेकिंग करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए आमजन में जानकारी के लिए प्रचार-प्रसार किया जाए। नगर निगम से समन्वय करते हुए नोटिस, चालान, बड़े पैमाने पर फॉगिंग, सड़क किनारे लार्वा रोधी गतिविधि और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्टीकरण कार्यवाही की जाए। सभी गतिविधियों की दैनिक रिपोर्टिंग करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि रविवार को जयपुर के बजाज नगर निवासी 66 वर्षीय एक पुरुष मरीज की दुर्लभ बीमारी एचएलएच से मृत्यु हुई है। इस मरीज की जांच के दौरान संयोग से जीका वायरस भी पाया गया था। उन्होंने बताया कि रोगी को 20 नवंबर को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उक्त मरीज के सेम्पल को एसएमएस मेडिकल कॉलेज जांच के लिए भेजा गया। जिसमें मरीज जीका पॉजिटिव मिला। चिकित्सकीय रूप से रोगी जीका के लक्षणों से संबंधित नहीं होने के कारण किसी अन्य संदिग्ध बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए नमूना एनआईवी पुणे को भेजा गया है।