“हौसलों से उड़ान होती है”: MMA फाइटर से भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने तक आकाश राणा की प्रेरक कहानी

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“मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।”
इस कहावत को सच कर दिखाया है उत्तराखंड के आकाश राणा ने। देहरादून के निवासी आकाश राणा, भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। MMA फाइटर से लेकर आर्मी ऑफिसर बनने तक का उनका सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।

भारतीय सेना में चौथी पीढ़ी की परंपरा

आकाश राणा का परिवार भारतीय सेना के साथ चार पीढ़ियों से जुड़ा हुआ है।

  • उनके पिता 69वीं आर्मर्ड रेजिमेंट में ऑफिसर थे।
  • उनके दादा और परदादा ने भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी थीं।

शुरुआती असफलता के बाद भी नहीं मानी हार

  • 12वीं के बाद टेक्निकल एंट्री में प्रयास:
    आकाश राणा ने 12वीं के बाद टेक्निकल एंट्री के जरिए सेना में जाने की कोशिश की, लेकिन चयन नहीं हो सका।
  • शिक्षा में नए आयाम:
    इसके बाद उन्होंने बीएससी की डिग्री पूरी की और उत्तरांचल यूनिवर्सिटी से एमबीए (इंटरनेशनल मार्केटिंग) में स्पेशलाइजेशन हासिल किया।

MMA और कराटे में सफलता की कहानी

आकाश राणा ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में शॉटोकन कराटे में डैन-1 ग्रेड बेल्ट हासिल करके की।

  • राष्ट्रीय स्तर पर जीत:
    • 2013 और 2014 में मय थाई और K1 में राष्ट्रीय चैंपियन बने।
    • 2016 में इंडिया ओपन MMA चैंपियनशिप में लाइटवेट श्रेणी में जीत हासिल की।
  • प्रोफेशनल MMA फाइटर:
    उनकी सफलता ने उन्हें हरियाणा टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली सुपर फाइट लीग के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

सेना में सपने को नहीं छोड़ा

  • क्लर्क के पद पर भर्ती:
    अपने सेना में शामिल होने के सपने को जीवित रखते हुए, आकाश राणा मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप में क्लर्क के पद पर भर्ती हुए।
  • खेल में प्रदर्शन:
    सेना में रहते हुए उन्होंने बॉक्सिंग और रेसलिंग में बेहतरीन प्रदर्शन किया और सिल्वर मेडल जीता।

CDS परीक्षा और ACC के लिए प्रयास

  • CDS परीक्षा में बार-बार असफलता के बाद, उनके कंपनी कमांडर ने उन्हें आर्मी कैडेट कॉलेज (ACC) में आवेदन करने की सलाह दी।
  • कड़ी मेहनत का फल:
    • उन्होंने ACC परीक्षा पास की।
    • चेन्नई में यंग लीडर्स कोर्स (YLC) के लिए चयन हुआ।
    • इसके बाद SSB इंटरव्यू भी पास किया।

COVID-19 और ट्रेनिंग में देरी

  • महामारी के दौरान उनकी ट्रेनिंग में देरी हो गई।
  • COVID-19 खत्म होने के बाद उन्होंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) जॉइन की।

Mr. IMA 2024: उत्कृष्ट प्रदर्शन की पहचान

IMA में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के कारण आकाश राणा को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

  • उन्हें Mr. IMA 2024 का खिताब दिया गया, जो उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रतीक है।

आकाश राणा का प्रेरणादायक संदेश

आकाश राणा की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो असफलताओं के बावजूद अपने सपनों को जीना चाहते हैं। उन्होंने दिखा दिया कि हौसले, कड़ी मेहनत और लगन के साथ कोई भी मंजिल पाई जा सकती है।

“हर असफलता एक सीढ़ी है, जो आपको आपकी मंजिल के करीब ले जाती है।”

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