भारतीय नौसेना अपने बेड़े में एक और अत्याधुनिक युद्धपोत जोड़ने जा रही है। रूस के कालिनिनग्राद में 9 दिसंबर को भारतीय नौसेना का नवीनतम मल्टी-रोल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशिल आधिकारिक रूप से शामिल किया जाएगा। इस ऐतिहासिक समारोह की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। इस कार्यक्रम में भारत और रूस के उच्चस्तरीय सरकारी और रक्षा अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
आईएनएस तुशिल की विशेषताएं
आईएनएस तुशिल भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत निर्मित एक उन्नत क्रिवाक III श्रेणी का युद्धपोत है। यह परियोजना भारत-रूस रक्षा सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- श्रृंखला में सातवां युद्धपोत:
आईएनएस तुशिल प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले सातवें युद्धपोत के रूप में शामिल होगा। इससे पहले तीन युद्धपोत तलवार श्रेणी और तीन तेग श्रेणी के जहाज पहले ही सेवा में हैं। - निर्माण और अनुबंध:
यह जहाज यंतर शिपयार्ड, कालिनिनग्राद में निर्मित हुआ है। अक्टूबर 2016 में भारत सरकार, भारतीय नौसेना और रूस की जेएससी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के बीच इसके निर्माण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
आधुनिक हथियारों से लैस
आईएनएस तुशिल अपनी अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों और उन्नत प्रौद्योगिकी के कारण एक शक्तिशाली युद्धपोत है।
- आयाम और गति:
- लंबाई: 409.5 फीट
- चौड़ाई (बीम): 49.10 फीट
- गहराई (ड्रॉट): 13.9 फीट
- गति: समुद्र में अधिकतम 59 किमी प्रति घंटे
- क्षमता:
यह युद्धपोत 18 अधिकारियों और 180 सैनिकों के साथ समुद्र में लगातार 30 दिन तक तैनात रह सकता है। - एडवांस इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम:
आईएनएस तुशिल इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और 4 केटी-216 डिकॉय लॉन्चर्स से लैस है।
प्रमुख हथियार और तकनीक
- नेवल गन्स:
- 100 मिमी ए-190ई नेवल गन
- 76 मिमी ओटो मेलारा नेवल गन
- 2 एके-630 सीआईडब्ल्यूएस गन्स
- 2 काश्तान सीआईडब्ल्यूएस गन्स
- टॉरपीडो और रॉकेट लॉन्चर:
- दो 533 मिमी टॉरपीडो ट्यूब्स
- एक उन्नत रॉकेट लॉन्चर
- हेलिकॉप्टर तैनाती:
- इस जहाज पर एक कामोव-28, कामोव-31 या ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात किया जा सकता है।
आईएनएस तुशिल का महत्व
यह युद्धपोत न केवल भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि भारतीय समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगा। स्टील्थ तकनीक से लैस होने के कारण यह दुश्मन के रडार से बचने में सक्षम है। इसकी गाइडेड मिसाइल प्रणाली लंबी दूरी तक सटीक हमले कर सकती है।
भारत-रूस रक्षा सहयोग का प्रतीक
आईएनएस तुशिल भारत-रूस रक्षा सहयोग का एक और मील का पत्थर है। यह युद्धपोत न केवल नौसेना की ताकत में इजाफा करेगा, बल्कि भारत के रक्षा उद्योग और अंतरराष्ट्रीय रक्षा साझेदारी को भी मजबूती प्रदान करेगा।
#WATCH | The Indian Navy is all set to commission its latest multi-role stealth-guided missile frigate, INS Tushil, at Kaliningrad, Russia, on December 9, 2024.
The ceremony will be presided over by Raksha Mantri, Rajnath Singh, as the Chief Guest, with many high-ranking Russian… pic.twitter.com/cZAskPfUdh
— ANI (@ANI) December 6, 2024