‘हमारे बम-हथियारों से मारे गए निर्दोष…’ अमेरिका ने माना, इजराइल पर लिया बड़ा फैसला

गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच युद्ध अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ। जिसमें अब तक भारी नुकसान हो चुका है. कई लोगों की जान चली गई है और कई लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं. उस वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने माना था कि अमेरिका द्वारा इजरायल को दिए गए बम-हथियारों की वजह से गाजा में निर्दोष फिलिस्तीनियों की मौत हुई थी. 

इजराइल-हमास युद्ध में कई निर्दोष नागरिकों की जान चली गई

गाजा पट्टी में पिछले सात महीने से इजराइल और हमास के बीच युद्ध जारी है. जिसमें कई निर्दोष नागरिक इस युद्ध का शिकार बने हैं. उस वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का बड़ा बयान सामने आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति (USPresident) ने माना है कि गाजा में निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाले भारी बम-हथियार इजरायल को अमेरिका से मिले थे. यही कारण है कि हम अब इजराइल को हथियार सप्लाई नहीं करना चाहते. हालाँकि, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ‘हम इज़राइल की रक्षा के लिए तैयार हैं। और इसके लिए हम इजराइल को आर्यन डोम रॉकेट इंटरसेप्टर देंगे. इसके अलावा हम अन्य हथियार भी मुहैया कराएंगे.’ लेकिन अगर वह राफा पर हमला करता है, तो हम उसे दोबारा हथियार नहीं देंगे।’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजरायल को हथियारों की सप्लाई रोकने की बात कही

इस तरह बाइडन ने पहली बार माना कि ‘इजरायल ने फिलिस्तीनियों को मारने के लिए जो बम और हथियार इस्तेमाल किए थे, वो हमने (अमेरिका) ने मुहैया कराए थे।’ गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक मीडिया चैनल को इंटरव्यू देते हुए इजरायल को हथियारों की सप्लाई रोकने की बात कही थी. इससे पहले एक मीडिया रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि अमेरिका ने भारी बमों की खेप रोक दी है. गौरतलब है कि हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला किया था. इस भीषण हमले में 1200 लोग मारे गए और 250 लोगों को बंधक बना लिया गया. हमास ने अभी भी 50 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाकर रखा हुआ है.

इज़राइल के लिए खुला पश्चिमी समर्थन

इजराइल ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर भीषण हमले किए हैं. इसे अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे पश्चिमी देशों से खुला समर्थन मिला है. इजराइल के हमले में अब तक 35 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और दुनिया भर के मुस्लिम देश इजराइल के खिलाफ हैं. इसके अलावा रूस और चीन जैसी शक्तियां भी इजराइल के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में अमेरिका भी बैकफुट पर नजर आ रहा है और इजरायल को राफा पर हमला न करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है. वहीं बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि वह इजराइल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए वह किसी पर निर्भर नहीं हैं. हमास और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध में यह पहली बार है कि दोनों देश आमने-सामने आए हैं.