वाराणसी, 06 मई (हि.स.)। ट्रॉमा सेंटर, आई.एम.एस, बीएचयू में अत्याधुनिक हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (एच.बी.ओ.टी) सुविधा आम मरीजों के लिए उपलब्ध है। यह थेरेपी अस्पताल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। खास नवोन्मेषी थेरेपी उपचार प्रोटोकॉल को फिर से परिभाषित करना, विशेष रूप से आघात और घाव की देखभाल के क्षेत्र में तैयार है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहली ऐसी थेरेपी सुविधा बीएचयू में है। एचबीओटी एक दबाव वाले कक्ष के भीतर शुद्ध ऑक्सीजन का प्रबंधन करता है, जिससे वायुमंडलीय दबाव से अधिक स्तर पर ऑक्सीजन साँस लेने में मरीज़ सक्षम हो जाते हैं।
थर्मल बर्न, कार्बन मोनो ऑक्साइड विषाक्तता, मधुमेह सहित स्थितियाँ, घाव न भरने वाले अल्सर, दुर्दम्य ऑस्टियोमाइलाइटिस, नेक्रोटाइज़िंग नरम ऊतक संक्रमण, क्षतिग्रस्त त्वचा ग्राफ्ट और फ्लैप, अचानक संवेदी तंत्रिका श्रवण हानि, घातक ओटिटिस एक्सटर्ना विकिरण प्रेरित मैंडिबुलर ओस्टियोनेक्रोसिस और नरम ऊतक परिगलन, एचबीओ थेरेपी के लिए मतभेद अनुपचारित न्यूमोथोरैक्स, सिस्प्लैटिन थेरेपी हैं और डिसुलफिरम थेरेपी सापेक्ष मतभेदों में प्रतिरोधी फेफड़ों की बीमारी शामिल है, स्पर्शोन्मुख फुफ्फुसीय ब्लब्स या छाती रेडियोग्राफ़ पर बुल्ला, सहजता का इतिहास न्यूमोथोरैक्स, ऊपरी श्वसन या साइनस संक्रमण, हाल ही में कान या वक्ष की सर्जरी, अनियंत्रित बुखार, क्लौस्ट्रफ़ोबिया, दौरे विकार, गर्भावस्था और पेसमेकर डिवाइस, चिकित्सीय दृष्टिकोण कई प्रकार की उपचार प्रक्रियाओं में तेजी लाने में असाधारण प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया है। बीएचयू ट्रॉमा सेंटर दर्दनाक चोटों से जूझ रहे व्यक्तियों के बेहतर देखभाल प्रदान करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। सेंटर में व्यापक चिकित्सा के लिए यह अतिरिक्त सेवाएँ जटिल आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता में गहन वृद्धि का प्रतीक हैं।
ट्रॉमा सेंटर के आचार्य प्रभारी प्रो.सौरभ सिंह ने बताया कि द हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी सुविधा एक महत्वपूर्ण पहल है। यह समुदाय के भीतर स्वास्थ्य देखभाल मानकों को ऊपर उठाने के प्रयासों कि दिशा में महत्वपूर्ण क्षण है। उन्होंने बताया कि एचबीओटी तेजी से उपचार की सुविधा प्रदान करने और जोखिम को कम करने में काफी मददगार है, जिससे जटिलताएं कम करने और अंततः सकारात्मक परिणामों में वृद्धि की संभावना बढ़ती है।
उन्होंने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में अंतरराष्ट्रीय मानकों वाली पूरी तरह से मशीनीकृत लॉन्ड्री भी आरम्भ कर दिया गया है। सेंटर में एचबीओटी सुविधा की शुरुआत के समय प्रो. वी.के. शुक्ला (पूर्व रेक्टर, बी.एच.यू), प्रो. एस. प्रधान (निदेशक, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र ) और होमी भाभा कैंसर अस्पताल (टाटा मेम. सेंट., मुंबई), डॉ. गगनदीप भनोट, सलाहकार एच.बी.सीएच आदि की भी उपस्थिति रही।