शिविर के माध्यम से दी पशु चारा और प्राकृतिक खेती की जानकारी

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शिवपुरी, 16 दिसंबर (हि.स.)। कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी द्वारा जिले में पशुपालन एवं डेयरी विभाग के समन्वय में एक दिवसीय पशु चिकित्सा शिविर चारा फसल संगोष्ठी सह प्राकृतिक खेती प्रोत्साहन प्रदर्शनी का आयोजन ग्राम रातौर में कृषि महाविद्यालय ग्वालियर से आये 18 रावे छात्रों की सहभागिता में ग्राम रातौर एवं आस-पास के अन्य ग्रामों के पशुपालकों, कृषकों एवं मुर्गा-मुर्गी पालकों के लिए सोमवार को शिविर का आयोजन किया गया।

चिकित्सा शिविर का उद्घाटन ग्राम रातौर के सरपंच रामकुमार धाकड़ द्वारा किया गया। उन्होंने आयोजन को ग्रामीणों के लिए महत्वपूर्ण बतलाते हुए पशुपालकों को लाभ लेने एवं जागरूकता के लिए उपयोगी बतलाया।

उप संचालक पशुपालन डॉ.बी.पी.यादव द्वारा पशु चिकित्सा शिविर द्वारा फसल संगोष्ठी एवं प्राकृतिक खेती प्रदर्शनी को रावे छात्रों के माध्यम से जिले के पशुपालकों, युवाओं के लिए बहुत उपयोगी और जरूरी बतलाया कि इस तरह के आयोजनों से हमें कृषि के समन्वय में पशुधन से खेती को लाभकारी और उपयोगी कम खर्चीली कम रासायनिक दवाओं के प्रयोग करने की जरूरत होगी।

पशु चिकित्सक डॉ.नितिन गुप्ता द्वारा भारत सरकार एवं म.प्र. शासन के लिए पशुपालकों के लिए योजनाओं के बारे में विस्तार से बतलाया और जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया। विकासखण्ड शिवपरी सह पशु चिकित्सक डॉ. गायत्री कश्यप द्वारा दुधारू पशुओं में नस्ल सुधार, कृत्रिम गर्भाधान में ट्रिपल एस तकनीक से उन्नत नस्ल की बछड़ी होने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। डॉ. मुकेश गुप्ता पशु चिकित्सक द्वारा पशुओं में रोग एवं उनके नियंत्रण तथा संतुलित आहार व्यवस्था में संकर नेपियर घास के समावेश के बारे में समझाया।

पशु चिकित्सक डॉ. सुनील धाकड़ एवं ए.व्ही.एफ.ओ. कैलाश बाथम एवं उनकी टीम द्वारा पशुओं भैंसे, गाय, बकरी एवं मुर्गा-मुर्गियों को इलाज की दवाएं देते हुए उपचारित भी किया तथा टीकाकरण के बारे में प्रोत्साहित करते हुए पशुपालकों को प्रेरित किया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान) डॉ.एम.के.भार्गव द्वारा पशुधन के लिए एक ही खेत में वर्ष भर हरा चारा उत्पादन के बारे में संकर बाजरा नेपियर घास और मौसमी हरे चारे के एवं उनकी उपयोगिता के बारे में विस्तार से चारा संगोष्ठी में बतलाया।